बिक्रमगंज कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में रविवार को संझौली प्रखंड के मसौना गांव में ऑयस्टर मशरूम उत्पादन को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में अनुसूचित समुदाय की मुनिया देवी, कृष्णा देवी, बिंदा देवी, आशा देवी, पूर्णिमा देवी, रविता देवी, पूनम देवी समेत 30 ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया, जिन्हें ओएस्टर मशरूम उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तार से प्रायोगिक के साथ बताया गया.
उद्यान वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार के अनुसार मशरूम उत्पादन में गेहूं भूसा, मशरूम स्पान, फॉर्मलीन, कार्बेंडाजिम रसायन, पानी, पॉलिथीन इत्यादि की आवश्यकता पड़ती है. एक बैग बनाने का खर्च लगभग 25 से 30 आता है, जिसमें से 2 से 3 किलोग्राम के मशरूम का उत्पादन होता है.
कार्यक्रम में उपस्थित प्रभारी वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान आरके जलज ने मशरूम में उपलब्ध पोषक तत्व विशेषकर प्रोटीन, मिनरल, विटामिन के बारे में बताया. उन्होंने इसे पर्यावरण के अनुकूल भी बताते हुए कहा कि मशरूम धान एवं गेहूं के भूसे से बनाया जाता है और बाद में इनके खाद बनाए जा सकते हैं. उन्होंने बिक्रमगंज कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी.