सूबे के कई क्वारंटाइन सेंटरों में खाना फेंकने, कूदकर भागने व खाने-सोने को ले हंगामे की खबरें जरूर सुनी होंगी, लेकिन रोहतास जिले के तिलौथू के पतलुका मध्य विद्यालय स्थित क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन रहने के बाद जब 78 श्रमिकों की विदाई की बारी आई तो उन्होंने धरती को चूम कर नमन किया. कइयों के आंखों से आंसू बहने लगे तो कुछ लोग एक-दूसरे से बिछड़ने से गमजदा थे.
कई प्रवासियों ने प्रधानाध्यापक अनिल कुमार सिंह को फूल मालाओं से लाद दिया. जमकर नारे भी लगाए. श्रमिकों को इस क्वारंटाइन सेंटर में अनुशासन, योगा, समय से भोजन, मनोरंजन के साधन इत्यादि विद्यालय प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए जाते थे. श्रमिकों ने रसोईया किरण देवी, दुर्गा देवी, शकुंतला कुंवर व रानी कुंवर को साड़ी एवं पांच सौ नगद भेंट देकर सम्मानित किया.
वहीं, श्रमिक भावुक हो प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार सिंह से गले लिपट कर रो पड़े. उन श्रमिकों का कहना था कि अब यह क्वारंटाइन सेंटर हमलोगों के लिए घर बन गया था. इस विद्यालय के शिक्षकों ने हमें भरपूर सहयोग किया.
इस दौरान प्रधानाध्यापक भी भावुक हो गए. उन्होंने सभी श्रमिकों को गमछा, मास्क, साबुन व खाद्य सामग्री देकर घर भेजा. कहा कि इसके संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखें.
मालूम हो कि इस विद्यालय में क्वारंटाइन किए गए श्रमिकों ने बेहद खास काम किया. उन्होंने महीनों से बन्द पड़े स्कूल में उग आई झाड़ियों को सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए अपनी मेहनत से साफ-सफाई किया, साथ ही झाड़ियों के सफाई के बाद उस स्थान पर सब्जी की बागवानी शुरू कर दिए थे.