बिहार विधानसभा चुनाव के 243 सीटों के नतीजे सामने आ गए हैं. एनडीए 125 सीटों के साथ सत्ता बचाने में कामयाब रहा, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाली पार्टी नीतीश कुमार की जदयू ही रही. पिछली बार के मुकाबले जदयू की 28 सीटें घट गईं और वह 43 सीटों पर आ गई. वहीं, भाजपा 21 सीटों के फायदे के साथ 74 सीटों पर पहुंच गई. राजद सबसे बड़ा दल बनकर उभरा, जिसे 75 सीटें मिलीं. उसके नेतृत्व वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं.
सभी एग्जिट पोल के अनुमान झुठलाते हुए नीतीश कुमार ने सत्ता में वापसी कर ली. सीएम नीतीश ने अंतिम चरण की सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान भावुक दांव खेलते हुए यह कहा था कि ये उनका अंतिम चुनाव है. नीतीश ने जनसभाओं में अंत भला तो सब भला भी कहा. अब बीजेपी के बूते ही सही, उनके लिहाज से चुनाव का अंत भला हो गया है. चुनाव प्रचार के दौरान बतौर मुख्यमंत्री नई पारी खेलने को तैयार नीतीश कुमार का गुस्सा दिखा तो अंतिम चरण में भावुक अपील भी. बिहार के चुनाव में इस बार नीतीश कुमार के तेवर अलग ही थे. पहले दौर के मतदान से पहले अक्सर वे अपनी सभाओं में भड़कते रहे. उनका आक्रामक अवतार देखने को मिला. चिराग और तेजस्वी उन पर ताने कसते रहे कि 15 साल के शासन के बाद वे थक चुके हैं. तेजस्वी यादव ने कई मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा किया. उन पर कोरोना काल में सीएम आवास से बाहर नहीं निकलने, मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ देने, बिहार में उद्योग-धंधे लगाने में नाकामी और इस वजह से बढ़ती बेरोजगारी और पलायन के हालात पैदा करने के आरोप लगाए. नीतीश ने हार नहीं मानी और एक-एक आरोप का जवाब दिया.
वहीं बिहार में एनडीए की जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘बिहार ने दुनिया को लोकतंत्र का पहला पाठ पढ़ाया है. आज बिहार ने दुनिया को फिर बताया है कि लोकतंत्र को मजबूत कैसे किया जाता है. रिकॉर्ड संख्या में बिहार के गरीब, वंचित और महिलाओं ने वोट भी किया और आज विकास के लिए अपना निर्णायक फैसला भी सुनाया है. पीएम ने कहा, ‘बिहार के प्रत्येक वोटर ने साफ-साफ बता दिया कि वह आकांक्षी है और उसकी प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ विकास है. बिहार में 15 साल बाद भी NDA के सुशासन को फिर आशीर्वाद मिलना यह दिखाता है कि बिहार के सपने क्या हैं, बिहार की अपेक्षाएं क्या हैं.’
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, ‘बिहार के युवा साथियों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नया दशक बिहार का होगा और आत्मनिर्भर बिहार उसका रोडमैप है. बिहार के युवाओं ने अपने सामर्थ्य और NDA के संकल्प पर भरोसा किया है. इस युवा ऊर्जा से अब NDA को पहले की अपेक्षा और अधिक परिश्रम करने का प्रोत्साहन मिला है. पीएम ने कहा, बिहार की बहनों-बेटियों ने इस बार रिकॉर्ड संख्या में वोटिंग कर दिखा दिया है कि आत्मनिर्भर बिहार में उनकी भूमिका कितनी बड़ी है. हमें संतोष है कि बीते वर्षों में बिहार की मातृशक्ति को नया आत्मविश्वास देने का NDA को अवसर मिला. यह आत्मविश्वास बिहार को आगे बढ़ाने में हमें शक्ति देगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बिहार के गांव-गरीब, किसान-श्रमिक, व्यापारी-दुकानदार, हर वर्ग ने एनडीए के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र पर भरोसा जताया है. मैं बिहार के हर नागरिक को फिर आश्वस्त करता हूं कि हर व्यक्ति, हर क्षेत्र के संतुलित विकास के लिए हम पूरे समर्पण से निरंतर काम करते रहेंगे.’ पीएम ने आगे लिखा, ‘बिहार में जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से लोकतंत्र ने एक बार फिर विजय प्राप्त की है. बिहार बीजेपी के साथ एनडीए के सभी कार्यकर्ताओं ने जिस संकल्प-समर्पण भाव के साथ कार्य किया, वह अभिभूत करने वाला है. मैं कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं और बिहार की जनता के प्रति हृदय से आभार प्रकट करता हूं.’
पार्टी | सीटें (फायदा/नुकसान) |
भाजपा | 74 (+21) |
जदयू | 43 (-28) |
हम | 4 (+3) |
VIP | 4 (+4) |
कुल NDA | 125 |
राजद | 75 (-5) |
कांग्रेस | 19 (-8) |
भाकपा (माले) | 12 (+9) |
भाकपा | 2 (+2) |
माकपा | 2 (+2) |
कुल महागठबंधन | 110 |
अन्य | 8 |