एग्जिट को पोल को झूठा साबित करते हुए, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने अपनी जीत का परचम लहरा दिया है. एनडीए गठबंधन ने 125 सीटों पर जीत हासिल की है. अब नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे. नीतीश कुमार बिहार के 37वें मुख्यमंत्री रूप में शपथ लेंगे. भाजपा ने साफ कर दिया था कि जदयू की कम सीटें आएंगी तो भी उनके नेता नीतीश कुमार ही होंगे. भाजपा को 74 और जदयू को 43 सीटों पर जीत मिली है.
![](https://rohtasdistrict.com/wp-content/uploads/2020/02/GNSU-Jamuhar-Ad.-2020-21.jpg)
बता दें कि आरजेडी को हटाकर सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले नीतीश कुमार ने सत्ता की बागडोर कभी अपने हाथ से फिसलने नहीं दी. नीतीश कुमार बहुमत के साथ भले ही 2005 में सीएम बने लेकिन इससे पहले साल 2000 में भी वो सीएम पद की शपथ ले चुके थे. हालांकि कुछ ही समय बाद बहुमत साबित न हो पाने का कारण उनकी सरकार गिर गई थी. फिर 2005 में बीजेपी और जदयू के व्यापक चुनाव अभियान का चेहरा नीतीश कुमार बने. आरजेडी के लंबे शासन को लेकर लोगों बीच पनपे गुस्से का सीधा फायदा नीतीश को मिला और 24 नवंबर 2005 को उन्होंने एक बार फिर सीएम पद की शपथ ली. इस बार उन्होंने पांच साल तक सरकार चलाई. 2010 में एक बार फिर विधानसभा चुनाव हुए बीजेपी-जदयू गठबंधन पर राज्य की जनता ने भरोसा जताया. इसके बाद नीतीश ने तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को शपथ ली.
![](https://rohtasdistrict.com/wp-content/uploads/2020/11/nitish-kumar-jdu-bihar-5-1024x606.jpg)
साल 2014 में लोकसभा चुनावों में हुई बुरी हार के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था. तब ये उनका नैतिक निर्णय माना गया था. वो अपनी पुरानी पार्टनर बीजेपी के साथ अलग हो चुके और लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. नीतीश ने जीतनराम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन फिर 22 फरवरी 2015 को उन्होंने सीएम पद की चौथी बार शपथ ली. उसी साल के आखिरी में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए. दशकों तक एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव एक हो गए थे. महागठबंधन के तहत दोनों ने मिलकर एनडीए के सामने चुनाव लड़ा. दोनों पार्टियों की ऐतिहासिक जीत हुई और नीतीश कुमार ने पांचवीं बार 20 नवंबर 2015 सीएम पद का शपथ लिए.
![](https://rohtasdistrict.com/wp-content/uploads/2020/11/nitish-kumar-jdu-bihar-4-1024x559.jpg)
फिर तकरीबन दो साल बाद जब नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ राहें अलग की तो बीजेपी के साथ हो लिए. पुराने सहयोगी एक बार फिर साथ आ गए थे. लेकिन सीएम की कुर्सी पर नीतीश की पकड़ वैसी ही बनी रही. 27 जुलाई 2017 को उन्होंने छठी बार सीएम पद की शपथ ली. अब एक बार फिर चुनाव में एनडीए की जीत हुई. जदयू स्पष्ट तौर पर बीजेपी के सामने जूनियर पार्टनर बन चुकी है. लेकिन बीजेपी वादे पर कायम है. नीतीश कुमार सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेते दिखाई देंगे.
![](https://rohtasdistrict.com/wp-content/uploads/2020/09/GNSU-MASSCOM-AD-gopal-narayan-singh-university-jamuhar-bihar-1024x1024.jpg)