बिक्रमगंज के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा बभनी गांव में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया. इस दौरान विभिन्न गांवों से आए लगभग 200 लोगों ने भाग लिया. विदित हो कि लगभग 100 एकड़ में गेहूं, 10 एकड़ चना, 10 एकड़ मसूर एवं 10 एकड़ सरसों की बुआई जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत कराई गई है.
वरीय कृषि वैज्ञानिक आरके जलज ने बताया कि यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा पांच गांव में चलाया जा रहा है. जिसमें बभनी, परसा, जमोर्धी , सुरहुरिया एवं डेढ़गांव है. इसमें लगभग कुल 400 एकड़ में गेहूं, 50 एकड़ में चना, 50 एकड़ में मसूर, एवं 50 एकड़ में सरसों, तथा 5 एकड़ में आलू की खेती कराई गई है. साथ ही पराली प्रबंधन के तहत स्ट्रॉवेलर से पुआल ना जलाते हुए किसानों का पुआल का गठरी बनाकर उठाव किया गया है. इस योजना के तहत विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए कम लागत में अधिक उत्पादन पर बल दिया गया है, जिससे कि किसानों की आमदनी को दोगुना किया जा सके.
कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ रतन कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में गेहूं की खेती में हो रहे कठिनाई तथा बदलते तापक्रम में किसान कैसे गेहूं का बचाव करें एवं चना एवं मंसूर में कीटों से प्रबंधन सरसों में कीटों से प्रबंधन कैसे करें. किसानों ने अभी आम के फसल, प्याज की फसल में हो रही समस्याओं का भी निदान पूछा. मौके पर सिंचाई अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ मनोज कुमार द्विवेदी, किसान अरविंद कुमार, धनंजय कुमार, प्रदीप कुमार, संतोष कुमार, रामबाबू सिंह सहित कई किसान मौजूद थे.