9 अप्रैल से शुरू होगा चैती छठ व्रत अनुष्ठान, शुरू हो गयी देव के घाटों पर तैयारियां

फाइल फोटो

चैती छठ व्रत अनुष्ठान 09 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ ही शुरू हो जायेगा. 10 को व्रती दिन भर निराहार रहने के बाद शाम को खरना का अनुष्ठान पूरा करेंगे.  इसके बाद  36 घंटे का निराहार आरंभ हो जायेगा. 11 को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जायेगा. 12 अप्रैल यानि शुक्रवार की सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके साथ ही लोकआस्था का महापर्व चैती छठ का समापन हो जायेगा. 

वहीं ऐतिहासिक, पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण सौर तीर्थ स्थल देव में चैती छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन ने अभी से ही तैयारियों का दौर शुरू कर दिया है. शुक्रवार को जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल, पुलिस अधीक्षक दीपक वर्णवाल सहित कई अधिकारियों ने चैती छठ मेला से सम्बंधित तैयारियों को लेकर बैठक किया और छठ घाट का निरीक्षण करते हुए सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिया है.

चैती छठ को लेकर देव सूर्यकुंड का निरीक्षण करते आधिकारी

इस दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि व्रतियों के सुविधाओं के लिए 4 अप्रैल तक घाटों का रंगाई-पुताई के साथ ब्रैकेटिंग करने का निर्देश दिया गया है. उन्हेने बताया कि पूजा के दौरान देव में देश के विभिन्न कोनों से लगभग 10 लाख से अधिक लोग सम्मिलित होते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं को मेले की व्यवस्था से कही कोई परेशानी न हो, इसका इस बार विशेष ख्याल रखा जायेगा. उन्होंने लोगों से इसे सफल बनाने में सहयोग करने की अपील की.

फाइल फोटो: देव छठ घाट

बता दें कि पंडित मार्कंडेय शारदे के मुताबिक छठ व्रत का अनुष्ठान बच्चों की रक्षा से जुड़ा है. जिस प्रकार से बच्चे के जन्म के बाद उसकी छठी मनायी जाती है. ठीक उसी प्रकार सूर्य की शक्ति के समक्ष बच्चों की रक्षा की जाती है. इस व्रत के वैज्ञानिक महत्व भी है. वर्ष में दो बार छठ व्रत मनाया जाता है. दोनों ही व्रत ऋतुओं के आगमन से जुड़ा है. कार्तिक मास में शरद ऋतु की शुरुआत होती है, तो चैत्र मास में वसंत ऋतु. एक में ठंड़ की शुरुआत होती है, तो दूसरे में गर्मी की. बदलते मौसम में दोनों व्रत किया जाता है. इन दोनों ही ऋतुओं में रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसे शांत करने के लिए सूर्य की आराधना की जाती है, जाे प्रकृति प्रदत पूजा है. पूजा में मौजूद सभी समाग्रियां प्रकृति से जुड़ी होती है. ताकि, रोगों से लड़ने की शक्ति मिल सकें.



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