लोकआस्था, सामाजिक समरसता, साधना, आरधना और सूर्योपासना का महापर्व छठ इस बार 31 अक्टूबर से नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. इसको लेकर व्रतियों के घरों में अभी से भक्ति का माहौल बनने लगा है. बेहद खास और अहम पर्व छठ कई मायने में खास होता है.
यह महापर्व पूरे परिवार के साथ धूमधाम से मनाया जाता. इसलिए जो लोग नौकरी या व्यवसाय के सिलसिले में घर से दूर रहते हैं, वे अब छठ पूजा में घर जाने की तैयारी कर रहे. गाँव-शहर में छठ के पारम्परिक गीत गूंजने लगे हैं.
चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व 31 अक्टूबर को नहाय-खाय से शुरू होगा. 01 नवंबर को व्रती दिनभर निराहार रहने के बाद शाम को खरना का अनुष्ठान पूरा करेंगे. इसके बाद 36 घंटे का निराहार आरंभ हो जायेगा. दो नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जायेगा. 03 नवंबर की सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे. इसके साथ ही लोकआस्था का महापर्व छठ का समापन हो जायेगा. बता दें कि गाँव-शहरों में स्थानीय लोग अपने-अपने क्षेत्र में घाटों की सफाई शुरू कर दिए है.