शराबंदी कानून को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए रोहतास जिले में शराब निरोधक दस्ते (एंटी लिकर टास्क फोर्स) का गठन किया गया है. आमतौर पर अक्सर ये आरोप लगता रहा है की थानेदार या थाना स्तर से मिलीभगत कर अवैध शराब माफिया कारोबार चलाते आ रहे हैं. अब इस टास्क फोर्स के गठन के बाद पूरे जिले में शराब के खिलाफ अलग से कार्रवाई छापेमारी की जाएगी. एसपी सत्यवीर सिंह ने इस इस दस्ते में जिले के 38 पुलिस अधिकारियों को शामिल किया है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर गठित की गई टीम में डीएसपी से लेकर इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और उसके नीचे के पदाधिकारी को शामिल किया गया है.
जानकारी के अनुसार इस टास्क फोर्स टीम को तीन भागों में बांटा गया है. पहला सूचना संकलन सह छापेमारी दल शाखा जो 16 सदस्यीय होगी. इसका नेतृत्व पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे. इस दल का कार्य शराब भंडारण, बेचने वाले धंधेबाजों और होम डिलेवरी करने वाले को चिन्हित कर गिरफ्तार करना शामिल रहेगा. यह दल चलंत चेक पोस्ट लगाकर वाहनों की जांच करना इसके अधिकार क्षेत्र में शामिल है. रेल पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम के साथ रेल में यह दल छापेमारी कर सकता है. दूसरा विशेष अनुसंधान दल 10 सदस्यी है. जिसका नेतृत्व डीएसपी स्तर के अधिकारी को दिया गया है. इसके अलावा एक इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर, दोएएसआइ व स्थानीय थानाध्यक्ष को शामिल किया गया है. इस टीम को छापेमारी दल के साथ समन्वय स्थापित कर एसपी के निर्देश पर कांडों का त्वरित अनुसंधान कर दोषी को सजा दिलाना है.
तीसरा दल विचारण शाखा के रुप में गठित किया गया है, जो कुल आठ सदस्यीय है. जिसका नेतृत्व का अधिकार पुलिस इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को दिया गया है. इसके अलावा टीम में एक सब इंस्पेक्टर, दो एएसआइ व चार सिपाही को शामिल किया गया है. इस टीम का कार्य कांडों के अनुसंधानकर्ता वविशेष अभियोजन पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर अनुसंधान की गुणवत्ता को बनाए रखना होगा.