रोहतास जिले का लाल शहीद रविरंजन कुमार सिंह का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से गुरुवार को सुअरा हवाई अड्डा पहुंचा. यहां से शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके गोपी बिगहा गांव ले जाया गया. जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मेजर जनरल के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी और जिला पुलिस के जवानों ने सलामी दी. शहीद रविरंजन के बड़े बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.
अंतिम संस्कार से पहले निवास स्थल पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया. शहीद जवान के अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी. नम आंखों के साथ भारत माता के जयकारों एवं शहीद रविरंजन अमर रहे के नारों से गांव गूंज उठा. शहीद जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए पहले से ही मंत्री, सांसद, विधायक समेत कई जनप्रतिनिधि पहुंच चुके थे.
बताते चलें कि डेहरी-ऑन-सोन थाना क्षेत्र के निवासी गोपी बिगहा के 37 वर्षीय रवि रंजन कुमार आर्मी में लांसनायक के पद पर थे. वे नियंत्रण रेखा पर मंगलवार को पाकिस्तानी सेना के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए.
लकवा से पीडि़त पिता रामनाथ सिंह कहते हैं कि रविरंजन एक माह की छुट्टी बीताकर तीन दिन पहले 17 अगस्त को कश्मीर गया था. सोमवार को वह ड्यूटी ज्वाइन किया था. मंगलवार को उसकी शहादत की खबर आई. कहा कि उन्हें अपने पुत्र पर गर्व है. उसने देश के लिए शहादत दी है. उन्होंने बताया कि मेरा बड़ा बेटा सुनील यादव भी सेना में था. वह इस समय रिटायर्ड होकर पश्चिम बंगाल के सैप में कार्यरत है.
वहीं शहीद रविरंजन की पत्नी रीता देवी, उनके दो बेटे शशि कुमार (11 वर्ष), पीयूष कुमार (पांच वर्ष), बेटी सपना कुमारी (सात वर्ष) व माता कौशल्या देवी का रो-रोकर बुरा हाल है.