कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल चीफ ज़की उर रहमान लखवी के भतीजे सहित दो आतंकियों को ढेर करने वाले वायुसेना के गरुण कमांडो, ज्योति प्रकाश निराला को इस साल मरणोपरांत अशोक चक्र दिया जाएगा. गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, शहीद कमांडो निराला की पत्नी और मां को इस मेडल से नवाजेंगे. बता दें कि अशोक चक्र शांति के समय में वीरता के लिए दिए जाना वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है. यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है. ज्योति प्रकाश निराला वायु सेना के पहले एयरमैन हैं, जिन्हें ग्राउंड ऑपरेशन के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. वैसे आपको बता दे कि वहीं एयरफोर्स में सबसे पहले अशोक चक्र पाने वाले अंतरिक्ष यात्री स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा थे, जिन्हें यह सम्मान 1984 में मिला था.
रोहतास जिले के काराकाट के बादलडीह गाँव के जांबाज ज्योति प्रकाश निराला की एक बेटी और 3 अविवाहित बहनें भी है. उनके बूढ़े मां-बाप भी परिवार में हैं. गरुण कमांडो ज्योति प्रकाश निराला जम्मू-कश्मीर के हाजिन इलाके में आतंकियों से अकेले ही लोहा लिए थे, जिसमे जांबाज ज्योति प्रकाश निराला ने मुबंई हमले के मास्टरमांइड लश्कर-ए-तैयबा के चीफ जकिरउर्र रहमान लखवी के भतीजे समेत 3 आतंकियों को ढ़ेर किए थे. वहीं इस मुठभेड़ में सेना ने कुल 6 आतंकियों को मार गिराया था. यह घटना 19 नवंबर 2017 कश्मीर के बांदीपुरा जिले के हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में हुई थी. इस ऑपरेशन में अकेले तीन आतंकियों को ढ़ेर करने के लिए उन्हें वन मैन आर्मी भी कहा गया था.