कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से आमलोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये बिहार सरकार द्वारा 31 मार्च से सभी जिला मुख्यालयों, सभी अनुमंडल मुख्यालयों, सभी प्रखंड मुख्यालयों एवं सभी नगर निकायों को लॉक डाउन कर दिया है. रोहतास जिले भी में कोरोना वायरस के मद्देनजर सतर्कता बरती जा रही है. जांच और उपचार के लिए स्वास्थ्य अमला अलर्ट है. जिले में संदिग्ध मरीज पाए जाने पर उसे आवश्यक जाँच एवं आइसोलेट करने हेतु जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में रखा जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन ने नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का चयन किया है. वहां स्वास्थ्य अमला पूरी तैयारी के साथ संदिग्ध मरीजों को तय समय तक अपनी निगरानी में रख रहा है.
रोहतास जिलाधिकरी द्वारा नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड को सुचारू रूप से संचालन एवं विधि व्यवस्था संधारण हेतु दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में एक सेक्सन पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी है. प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल को निर्देश दिया गया है कि संक्रमण से बचने के लिए स्वयं भी सभी आवश्यक सावधानी बरतेंगे.
वहीं नारायण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के महाप्रबंधक उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सामान्य ओपीडी सोमवार दोपहर से अग्रिम आदेशों तक स्थगित रहेगी. अस्पताल में मरीजों की भीड़ कम करने के लिये यह फैसला लिया गया है. केवल फ्लू ओपीडी ही चलायी जाएगी. जिसमें खांसी, जुकाम, बुखार आदि के मरीज देखे जाएंगे. उन्होंने बताया कि अस्पताल की इमरजेंसी पूर्णतः चलती रहेगी. उन्होंने लोगों से अपील भी की कि ज्यादा जरूरत होने पर ही अस्पताल आयें. ओपीडी सेवा के मरीजों घर से ही चिकित्सीय परामर्श लेने की आग्रह किया गया है.
नारायण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के महाप्रबंधक उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रविवार एवं सोमवार को जांच कराने आये 21 लोगों ने स्क्रीनिग करायी. साथ ही इन सभी मरीज सीबीसी, ईएसआर, चेस्ट एक्सरे भी किया गया. जिनमे छ: लोगों को संक्रमित होने की संभावना को लेकर संदिग्ध के रूप में रखा गया है. इसमें एक महिला है, जो ओमान से आई थी. जिनकी सैम्पल जाँच के पटना लैब में स्पेशल गाड़ी से भेजी गयी है.
उन्होंने बताया कि बहुत सारे लोग राज्य से बाहर से आने के कारण अपनी जागरूकता को ले जांच कराने भी आ रहे है.वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल में आने वाले लोगों को संक्रमण की रोकथाम व निरोधात्मक उपाय के प्रति जागरूक किया जा रहा है. चिकित्सक ने बताया कि जिन मरीजों का जाँच रिपोर्ट निगेटिव आया है, उन्हें होम आईसोलेट के लिए बोल दिया जायेगा. घर पर भी उन्हें अपने परिवार से अलग रहना होगा.