राजपथ पर बिहारी नौनिहालों संग झूमा देश, रोहतास के सूरज ने किया था कॉस्टयूम डिजाईन

देशभर के तमाम आयोजनों और मंचों पर अपना हुनर दिखा चुके किलकारी के बच्चों को अपना प्रदर्शन दिखाने का एक और मौका मिला था. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के परेड में हर साल दिल्ली के स्थानीय बच्चों के साथ देश के सर्वश्रेष्ठ कम-से-कम एक ही दल को प्रदर्शन करने का मौका मिलता है. इस बार यह मौका किलकारी बिहार बाल भवन के 152 बच्चों को मिला था. इससे पहले कुछ ऐसे भी मौके आये थे, जब गणतंत्र दिवस समारोह में बिहार की झांकी का चयन नहीं हो पाता था. ऐसे में राज्य के इन बच्चों को सांस्कृतिक प्रस्तुति के लिए मौका मिलना बड़ी बात है.

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ढाई मिनट के इस प्रस्तुति में किलकारी के बच्चे महात्मा गांधी के सपनों व संदेशों पर आधारित स्वच्छता गीत को प्रस्तुत किए थे. इसे किलकारी के ही छात्र यशरंजन सिन्हा ने लिखा था. नृत्य करने वाले बच्चे महात्मा गांधी के संदेशों पर आधारित गीत को अपने भावों से व्यक्त करने की किया. बता दें कि इन बच्चों को सवा महीने तक रेजिडेंशियल वर्कशॉप में रखकर इस दिन के लिए खासतौर पर तैयार किया गया था.

बच्चों को तैयार करते सूरज

इन तैयारियों के बीच में एक सबसे महत्वपूर्ण काम जो था वह था कॉस्टयूम डिजाइनिंग का. 152 बच्चों के लिए अलग-अलग साइज में बहुत कम समय सीमा में तैयार फिटिंग करना. कॉस्टयूम को पटना से लेकर दिल्ली के राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान एवं डिफेंस मिनिस्ट्री के द्वारा चयनित कई एक्सपर्ट के परख से गुजरना पड़ा. इस कॉस्टयूम को डिजाइन करने वाले रोहतास के सूरज कुमार थे. जिले के डिहरी निवासी सूरज डिजाइन जागरूकता अभियान डीएडी के संचालक हैं एवं डिजाइन के समुदाय के एक अहम हिस्सा है.  सूरज एक डिजाइन रिसर्चर है एवं डिजाइन रिसर्च सोसायटी लंदन से जुड़े हुए हैं. इन्होंने अपने टीम के साथ मिलकर खादी, कॉटन एवं मधुबनी पेंटिंग का इस्तेमाल कर मछली जो कि स्वच्छता में अहम हिस्सा रखती है उसके सेब का शेप का इस्तेमाल किया.

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