भारतीय इतिहास जानने के स्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्त्व सम्बन्धी साक्ष्य। आइए जानते है केपी जायसवाल शोध संस्थान पटना के शोध अन्वेषक डॉ. श्याम सुंदर तिवारी द्वारा पुरातात्विक आधार पर जिले के किये गए सर्वे में कौन गांव/शहर किस काल का हैं। पुरातत्त्वशास्त्र वह विज्ञान है जो पुरानी चीज़ों का अध्ययन व विश्लेषण करके मानव-संस्कृति के विकासक्रम को समझने एवं उसकी व्याख्या करने का कार्य करता है। यह विज्ञान प्राचीन काल के अवशेषों और सामग्री के उत्खनन के विश्लेषण के आधार पर अतीत के मानव-समाज का सांस्कृतिक-वैज्ञानिक अध्ययन करता है। इसके लिये पूर्वजों द्वारा छोड़े गये पुराने वास्तुशिल्प, औज़ारों, युक्तियों, जैविक-तथ्यों और भू-रूपों आदि का अध्ययन किया जाता है।
तिलौथू ब्लॉक के गाँव:-
तुतला धाम- पूर्वमध्यकाल
रमडिहरा गढ़- प्रारंभिक मध्यकाल
लेवड़ा- प्रारंभिक मध्यकाल
हनुमानगढ़ (मेघरा)- प्रारंभिक मध्यकाल
सोनपुरागढ़- मध्यकाल
चैनपुरगढ़- प्रारंभिक मध्यकाल
मिर्ज़ापुर- प्रारंभिक मध्यकाल
सेवहींगढ़- प्रारंभिक मध्यकाल
फुलवरिया- पूर्वमध्यकाल
गड़केमान- नवपाषाण काल
कोहबरवामान- नवपाषाण काल
कछुअर मान- नवपाषाण काल
सरैयां- मध्यकाल
भदसा- मध्यकाल
रोहतास ब्लॉक के गाँव:-
अकबरपुर- मध्यकाल
रोहतासगढ़- प्रारंभिक ऐतिहासिक काल से मध्यकाल
नौहट्टा ब्लॉक के गाँव:-
चनरगढ़ (पड़रिया)- प्रारंभिक मध्यकाल
बंडाडीह बजरमरवा- मध्यपाषाण काल
भसढ़ी- प्रारंभिक मध्यकाल
पोरछा- प्रारंभिक मध्यकाल
नावाडीह खुर्द- प्रारंभिक मध्यकाल
बाबा ब्लूरिया का गढ़ (बनिया टोला)- प्रारंभिक मध्यकाल
नौहट्टा- मध्यकाल
अमरखा- मौर्यकाल से शुंग काल
बांदु- प्रारंभिक मध्यकाल
उल्ली- गुप्तकाल
कोरहांस- प्रागैतिहासिक
बेलौंजा- प्रारंभिक मध्यकाल
अमहुआ- नवपाषाण
थर्मनवामान-मध्यपाषाण
छांटन मान (लौंड़ी)- नवपाषाण
नावाडीह कलां- प्रारंभिक मध्यकाल
तिलोखर- प्रारंभिक मध्यकाल
यदुनाथपुर- प्रारंभिक मध्यकाल
मटियांव- प्रारंभिक मध्यकाल
तियराकलां- गुप्त काल
खैरवां खुर्द- परवर्ती मध्यकाल