सोन नद पर कोईलवर में अवस्थित अब्दुलबारी पुल के दोनों तरफ सड़क मार्ग में वर्षों से दिनोदिन बढ़ते जा रहे जाम महाजाम के बुरी स्थिति से जल्द ही निजात की संभावना है. सर्वविदित है कि उक्त अब्दुलबारी पुल के उत्तर करीब में ही समानांतर सिक्स लेन पुल निर्माणाधीन है. हालांकि इस पुल के नवनिर्माण का शुभारंभ तीन वर्ष से अधिक पूर्व 22 जुलाई 2017 को आरा क्षेत्रीय संसद सह मंत्री आर के सिंह ने किया था. शुभारंभ कार्यक्रम सोन नद के पूर्वी तट पटना जिला के परेव में हुआ था. उस मौके पर कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी व निर्माण कार्य कर रही निजी कंपनी के अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे.
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कार्यक्रम में कंपनी के अधिकारियों ने 33 माह में कार्य मुकम्मल कर देने की घोषणा की थी. हालांकि मंत्री आरके सिंह ने इससे और पहले पूरा करने को कहा था. इसके बावजूद पौने तीन साल की जगह तीन साल से अधिक बीत गए काम पूरा नही हुआ और अभी तक चल रहा है.
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यह अलग बात है कि शुभारंभ के समय यह पुल फोर लेन बनाये जाने का प्रस्ताव व बजट की घोषणा हुई थी जो बाद में सिक्स लेन का कर दिया गया. बात दें कि पहले इसका बजट 825 करोड़ बताया गया था. पुल की लंबाई 1528 मीटर व चौड़ाई 30 मीटर बताई गई थी, इसमें 38 दोहरे खंभे होंगे. काम लगातार चलता रहा. पुल के अलावा दोनो तरफ संपर्क रोड भी बनना है. इस तरफ अर्थात पश्चिमी छोर के कोईलवर स्थित लिक रोड के काम में अब इधर तेजी आई है.
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चर्चा व अनुमान के आधार पर कहा जा सकता है कि चूंकि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है, इसलिए इससे पूर्व उद्घाटन हो सकता है. वह भी 6 लेन के पुल का दक्षिणी लेन यानी बायां लेन का सड़क मार्ग ही चालू होगा. इसके अलावा उत्तरी लेन के मार्ग का निर्माण कार्य पूरा होने तक चलेगा. बहरहाल एक तरफ के लेन चालू हो जाने से भी जाम-महाजाम मामले में काफी राहत मिलेगी. पूरब में राजधानी पटना की तरफ जाना पश्चिम में कोईलवर से बबुरा होते वीर कुंवर सिंह गंगा पुल पार कर छपरा व सीवान आदि जाना या सकडडी-नासरीगंज मार्ग समेत एनएच 30 होते पश्चिम में आरा, बक्सर, रोहतास आदि जाने में जाम की विकराल समस्या से निजात मिल सकेगी.
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बता दें कि सोन नद पर अंग्रेजों द्वारा 1862 में बनाये गए अब्दुल बारी यानि कोइलवर पुल के ऊपरी लेन से अब तक रेलगाड़ियां गुजरती हैं. इसी पुल के नीचे चारपहिया वाहन भी चलते हैं. इस पुल की लंबाई 1440 मीटर है, जबकि नए पुल की लंबाई 1528 मीटर होगी.