72 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के चार अफसरों को पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया है. उत्कृष्ट सेवा के लिए एनएसजी के जिन चार अफसरों को पुलिस मेडल दिया गया उसमें रोहतास जिले के नोखा प्रखंड निवासी सेकंड इन कमांड अरुण कुमार भी शामिल है.
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नोखा प्रखंड के पड़वा गांव के मध्यम वर्गीय परिवार के निवासी अरुण कुमार को राष्ट्रपति पुलिस मेडल मिलने से पूरे प्रखंड में जश्न का माहौल है. 25 फरवरी 2000 को सीआरपीएफ के 98 बैच में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में नौकरी की शुरुआत करने वाले अरुण कुमार ने पूरी ईमानदारी और कर्मठता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. 20 साल 11 महीने का अपने विभाग में बेहतर प्रदर्शन करते हुए सीआरपीएफ और एनएसजी में सेवा देकर कई उपलब्धियां भी हासिल कर चुके है. वह बेहतर कार्य करते हुए श्रीनगर, मणिपुर, झारखंड के खूंटी, आसाम व छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में शामिल रहे है. कोबरा बटालियन से जुड़कर झारखंड के खूंटी और छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में तीन साल से ज्यादा सेवा दे चुके है. उसके बाद सीआरपीएफ ट्रेनिग सेंटर में भी चार साल सेवा देने के बाद पिछले चार सालों से प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में हैं और वो इस वक्त एनएसजी के चेन्नई स्थित रीजनल हब में तैनात हैं.
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बता दें कि है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर एनएसजी से चार कर्मियों को पुलिस मेडल अवार्ड दिया गया है. जिसमें नोखा प्रखंड के पड़वा के अरुण कुमार को बेदाग सर्विस रिकॉर्ड और उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया है. इनके पिताजी सिंचाई विभाग में कार्यरत थे. उनके दो भाई हैं जिसमें बड़े भाई गांव में कृषि कार्य करते हैं व छोटे भाई उत्तर प्रदेश में सीडीपीओ के पद पर मथुरा में कार्यरत हैं. गांव के लोग कहते है कि राष्ट्रपति पुलिस मेडल पुरस्कार से सम्मानित होकर अरुण ने गांव ही नहीं जिले के साथ पूरे राज्य का मान सम्मान बढ़ाया है.
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