प्रदूषण के कारण उत्पन्न ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को देखते हुए वाहन से निकलने वाले धुआं से फैल रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब रोहतास जिला प्रशासन सख्त हो गया है. प्रदूषण सर्टिफिकेट के बिना वाहनों का संचालन नहीं हो इसके लिए अब प्रदूषण केंद्र खोलने पर विभाग फोकस कर रही है. ताकि अधिक से अधिक लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाकर वाहन चला सके. ऐसे में प्रदूषण जांच के दौरान अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का पता चल सके जिसपर कार्रवाई की जा सके. इसके लिए जिला प्रशासन ने जिले के सात प्रखंडों में प्रदूषण केंद्र खोलने का निर्णय लिया है. ताकि वाहन से प्रदूषण कम हो और क्षेत्र में स्वरोजगार उत्पन्न हो सके.
जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 व इसके अधीन बने नियमों एवं बिहार मोटरगाड़ी नियमावली 1992 के अधीन प्रावधानित है कि कोई भी मोटर वाहन बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के नहीं रखा जाएगा एवं प्रदूषण प्रमाण पत्र के निर्गमन हेतु प्रदूषण जांच केंद्र केंद्र की स्थापना की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिले रोहतास, नौहट्टा, संझौली, दावथ, काराकाट, राजपुर, करगहर प्रखंड क्षेत्रों में एक भी वाहन प्रदूषण जांच केंद्र नहीं है. इन प्रखंडो में इक्छुक लोगों से वाहन जांच केंद्र खोलने हेतु जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन समर्पित कर सकते है.
वाहन जांच केंद्र खोलने हेतु इक्छुक को सबसे पहले आवेदक को परिवहन विभाग के वेबसाइट पर आवेदन करना होगा. आवेदन के पश्चात आवेदन प्रपत्र की हार्ड कॉपी, OGRASS के माध्यम से निर्धारित शुल्क 6 हजार जिला परिवहन कार्यालय रोहतास, सासाराम में जमा करना होगा. साथ ही आईडी/पैन कार्ड की स्वहस्ताक्षरित छायाप्रति, बैक स्टेटमेंट/पासबुक का स्वहस्ताक्षरित छायाप्रति, तकनिकी कर्मी (मैकेनिकल/इलेक्ट्रीकल/ऑटोमोबाईल अभियंत्रण मे डिग्री/ डिप्लोमा / इंटरमीडिएट विज्ञान के साथ) का प्रमाण पत्र व अंक पत्र की स्वहस्ताक्षरित छायाप्रति, वाहन प्रदूषण जाँच केन्द्र हेतु प्रस्तावित स्थल संबंधी स्वहस्ताक्षरित अभिलेख, प्रस्तावित जाँच केन्द्र का फोटो, आवेदक का इस आशय का शपथ-पत्र देना होगा कि अनुज्ञप्ति निर्गमन के पूर्व वाहन प्रदूषण जाँच केन्द्र मशीन यथा स्मोकमीटर व गैस एनालाईजर का क्रय अवश्य कर लेगे, विहित शपथ पत्र एवं जाँच केन्द्र पर कार्य करने के निमित तकनिकी कर्मी का शपथ पत्र जमा करना होगा.