नगर परिषद सासाराम में विकास कार्य ठप पड़ गया है. यहां की स्थिति दयनीय हो गई है. यह बातें कोई आम आदमी नहीं बल्कि डीएम धर्मेंद्र कुमार ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को भेजी पत्र में कही है. जिसमें डीएम ने सदर एसडीओ व नगर परिषद के ईओ द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर शहर की नारकीय हालत व विकास संबंधित कार्य बाधित रहने के कारण शहर की दयनीय स्थिति होने का हवाला देते हुए इस स्थिति में आवश्यक दिशा निर्देश मांगी है.
डीएम ने पत्र में लिखा है कि मुख्य पार्षद कंचन देवी पर प्राथमिकी दर्ज होने के कारण वे बैठकों से लगातार अनुपस्थित हैं. साथ ही नगर परिषद के ईओ व सशक्त स्थायी समिति के बीच तालमेल नहीं होने के कारण नगर परिषद के सभी कार्य लगभग बाधित है. हालांकि गतिरोध दूर करे के लिए कई स्तर पर प्रयास किया गया. लेकिन मुख्य पार्षद एवं ईओ में अनबन का नतीजा रहा कि पिछले एक वर्ष में शहर में कोई विकास कार्य नहीं हुआ.
पत्र में कहा गया है कि आज तक की तिथि में भी बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 84 के तहत बजट प्रस्तुत नहीं किया जा सका और न ही पारित करने की दिशा में कोई कदम उठाया जा सका है. जिसके परिणाम स्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 नगर निकाय के लिए विकास संबंधी कार्यों के लिए राशि की निकासी भी संभव नहीं हो सकी. डीएम ने शहर के जलजमाव, साफ-सफाई, चूना ब्लीचिंग पाउडर, मच्छर मरने की दवा की खरीद आदि का जिक्र करते हुए चिंता जतायी है.
वेतन आदि की निकासी एवं मजदूरों के भुगतान के आभाव में नगर परिषद की सीमा क्षेत्र के अंदर की स्थिति दिन प्रति दिन दयनीय होती जा रही है. ऐसी स्थिति में कोविड-19 के प्रभाव को रोकने का कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा जिसका प्रभाव अब परिलक्षित होने लगा है. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव से पूरे मामले की जांच करा कार्रवाई की अनुशंसा डीएम द्वारा की गई है, ताकि दयनीय व्यवस्था सुदृढ़ हो सके.