रोहतास: पराली जलाने पर 217 किसानों के खिलाफ कार्रवाई, प्रशासन ने सरकारी योजनाओं से किया वंचित, 4 पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत की कार्रवाई; सेटेलाइट से रखी जा रही नजर

रोहतास जिले में पराली जलाने को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में पराली जलाने वाले चिह्नित किसानों को दिए जाने वाले सभी सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा पराली जलाने के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद कुछ किसानों के द्वारा पराली जलाने का मामला सामने आने के बाद कार्रवाई की गई है.

बताया कि कृषि विभाग द्वारा सेटेलाइट इमेज से फायर प्वाइंट चिह्नित किए गए और उसके बाद कार्रवाई की गई है. विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई विभिन्न प्रखण्डों में 217 अलग-अलग स्थानों पर सेटेलाइट इमेज के माध्यम से प्राप्त फायर प्वांइट (जीपीएस अक्षांश: देशांतार) के आधार पर जांच की गई. जांचोपरांत पराली जलाने वाले किसानों को चिंहित किया गया और उसके बाद में कुल 211 किसानों का किसान पंजीकरण डीबीटी ब्लॉक करते हुए किसानों को दिए जाने वाले सभी प्रकार के सरकारी लाभ से वंचित कर दिया गया है. डीईओ ने बताया इसे सख्ती से निपटने के लिए सीआरपीसी की सुसंगत धारा 133 के तहत शिवसागर प्रखंड में 4 कृषकों पर कार्रवाई की गई है.

जिला कृषि पदाधिकारी रामकुमार ने बताया खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण फैल रहा है, वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है. खेतों में पराली जलाने के दौरान सूक्ष्म पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं. इससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है. किसान खेतों में पराली नहीं जलाएं, उसका प्रबंधन करें. पराली प्रबंधन के लिए उपकरणों पर 90 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. किसान इसका लाभ उठाएं. पराली प्रबंधन करने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. इसको लेकर कृषि कर्मी लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं. इसके बावजूद पराली जलाई तो विभाग और सख्ती से कार्रवाई करेगा.

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