रोहतास जिले के इन्द्रपुरी बराज पर ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र से मंगलवार को लगभग 11 हजार क्यूसेक से अधिक पानी प्राप्त हुआ. इसमें 6768 क्यूसेक पानी पश्चिमी व 2777 क्यूसेक पानी पूर्वी संयोजक नहरों में छोड़ा गया है. मध्य प्रदेश के बाणसागर जलाशय से छोड़ा गया पानी दो दिनों बाद इन्द्रपुरी बराज पर पहुंचने की संभावना है. इसके बाद सोन नहरों के अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध होने की उम्मीद जताई जा रही है.
जल संसाधन विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश के बाणसागर से इंद्रपुरी बराज तक पानी पहुंचने में सात दिनों का समय लगता है. उत्तर प्रदेश के रिहंद जलाशय से भी आज 2727 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसे बराज तक पहुंचने में दो दिन का समय लगता है. सोन के कैचमेंट एरिया में वर्षा नहीं होने व रिहंद जलाशय से पानी नहीं मिलने के चलते मंगलवार को भी कई नहरों के अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच सका है. राज्य के सात जिलों में फैले सोन नहर कमांड क्षेत्र में धान की रोपनी करा रहे किसानों में पानी के लिए हाहाकार मचा है.
वर्षा नहीं होने से किसान व्यथित है और धान का बिचड़ा बचाने को मशक्कत कर रहे है. डीजल पंप से पटवन में काफी लागत आ रही है. वर्षा नहीं होने से कई इलाकों की खेतों में दरार आ गई है. सुखाड़ की आशंका से किसान सहमे है. उत्तरप्रदेश के रिहंद जलाशय से 18 दिनों से बिहार के हिस्से का पानी नहीं छोड़े जाने से इंद्रपुरी बराज से नहरों में खरीफ फसलों के लिए जल संकट गहरा गया है. जल संसाधन विभाग के मोनेटरिग सेल के कार्यपालक भियंता कुणाल के अनुसार बाणसागर जलाशय से बढ़ा कर भेजा गया पानी अगले दो दिनों में बराज पर पहुंच जाएगा.