रोहतास जिले में मंगलवार का दिन अब तक के ठंड के बीच सबसे अधिक सर्द रहा. लगातार चल रही शीतलहर से जिले का संपूर्ण इलाका ठंड की चपेट में है. न्यूनतम पारा लुढ़ककर जहां 5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया वहीं अधिकतम पारा 19 डिग्री रिकार्ड किया गया. पूर्वाह्न करीब 11 बजे सूरज के दर्शन तो हुए, लेकिन सर्द हवाओं से लोगों को राहत नही मिली. हाड़ कंपा देने वाली सर्द हवाओं से हर तबका ठिठुरता रहा.
ठंड से बूढ़े- बुजुर्ग व बच्चों की परेशान देखा गया. जो कोई भी जरूरत कार्यों से घरों से बाहर निकले, इनमें से अधिकांश लोग चाय की दुकानों पर शरीर में गर्माहट लाने के लिए चुस्की लेते देखे गए तो बहुतेरे जहां-तहां अलाव से बदन को गरमाते रहे. इधर,जो लोग घरों में रहे वे ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लेकर खुद को महफूज किए. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों की है. जिनके पास न ढंग के गरम कपड़े हैं न ही अलाव जलाने के लिए पर्याप्त लकड़ी. जैसे-तैसे दिन तो कट जा रही है पर उनकी रात काटनी मुश्किल हो रही है.
चिकित्सकों की माने तो सेहत और स्वास्थ्य के लिहाज से मौसम अनुकूल नहीं है. इन दिनों लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. खासकर बच्चे, बुजुर्ग व बीपी के मरीजों का बचाव ज्यादा जरूरी है. खेती की बात करें तो आलू और तेलहनी को छोड़ कर अन्य सभी फसलों के लिए यह मौसम अमृत सामान है. पाला पड़ने से गेहूं को जहां ज्यादा फायदा होगा वहीं आलू और तेलहनी खेती करने वाले किसानों का नुकसान हो सकता है.
इधर, सासाराम नगर निगम तथा बिक्रमगंज, डेहरी व नोखा नगर परिषद द्वारा दो-तीन स्थानों को छोड़ अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. इससे सुबह और रात के समय शहरी गरीबों और राहगीरों, यात्रियों को ठंड की मार झेलनी पड़ रही है. हर वर्ष ठंड बढ़ते ही शहरों में लोगों व राहगीरों को ठंड से राहत दिलाने के लिए प्रमुख चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की जाती है.
लेकिन अभी तक दो-तीन स्थानों को छोड़ अन्य चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण रात के समय लोगों को खुले में ठंड से बचने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है. जबकि रात बढ़ते ही पारा गिरने से खुले में गर्म कपड़े भी असर नहीं करते हैं. हालांकि मंगलवार को सासाराम शहर में समाजसेवी परमजीत सिंह एवं संत पॉल स्कूल द्वारा कुछ चौक-चौराहों व गलियों में अलाव की व्यवस्था की गई है.