रोहतास डीएम ने सदर अस्पताल में पदस्थापित भ्रष्ट कर्मियों पर कार्रवाई को लिखा पत्र, शिथिलता व खानापूर्ति करने पर सिविल सर्जन पर होगी कार्रवाई

सासाराम सदर अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में डीएम धर्मेंद्र कुमार ने जांच टीम के रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए दोषी कर्मियों के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करते हुए उन्हें सबसे दूरस्थ प्रखंडों में स्थानांतरित करने का आदेश सिविल सर्जन को दिया है. डीएम ने यह भी कहा है कि शिथिलता या महज खानापूर्ति किये जाने पर सिविल सर्जन को उत्तरदायी माना जायेगा एवं उनके विरुद्ध अनुशासिक कार्रवाई की जाएगी.

डीएम द्वारा पत्र में कहा गया है कि सदर अस्पताल (स्वास्थ्य विभाग) से संबंधित परिवाद पत्र एवं समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की अध्यक्षता में जांच दल गठित की गई थी. जिसमें एसीएमओ केएन तिवारी, जिला अल्पसंख्यक पदाधिकारी एवं वरीय उप समाहर्ता खुशबू पटेल सदस्य थे. जांच दल द्वारा बिन्दुवार प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है. जांच प्रतिवेदन से यह स्पष्ट है कि मामला अति संवेदनशील एवं भ्रष्टाचार से संबंधित है, जिसमें सिविल सर्जन कार्यालय की स्पष्ट भूमिका परिलक्षित होती है. पूर्व में इसी प्रकार के भ्रष्टाचार में निगरानी विभाग की कार्यवाही भी हो चुकी है. वर्तमान में भी विभिन्न माध्यमों से सिविल सर्जन से संबंधित कार्यालय से संबंधित भ्रष्टाचार की शिकायतें लोक साक्षात्कार के माध्यम से प्राप्त होती रहती है.

डीएम ने पत्र में आगे कहा है कि जांच प्रतिवेदन के आलोक में निदेश दिया जाता है कि सभी दोषी कर्मियों के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ गठित करते हुए उन्हें सबसे दूरस्थ प्रखंडों में स्थानांतरित कर उक्त के संबंध में अनुपालन 14 दिनों के अंदर अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. साथ ही यह भी निदेश दिया गया है कि शिथिलता या महज खानापूर्ति किये जाने पर सिविल सर्जन को उत्तरदायी माना जायेगा एवं उनके विरुद्ध अनुशासिक कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि समय-समय पर सदर अस्पताल से भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रहती है. निगरानी के टीम ने भी दिसंबर 2021 में सिविल सर्जन कार्यालय सासाराम के राजकृष्ण नाम के एक क्लर्क को 10 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

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