अरविंद केजरीवाल के PA की गिरफ्तारी से चर्चा में आ गया रोहतास का यह गांव, यहीं रहता है बिभव का परिवार; उनके पिता की आई प्रतिक्रिया

दिल्ली की आप(AAP) सांसद स्वाति महिवाल और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार के साथ हुए विवाद के बाद रोहतास जिले के कोचस प्रखंड के दिनारा थाना के नरवर पंचायत का खुदरू गांव अचानक चर्चा में आ गया है. क्योंकि अरविंद केजरीवाल का पीए व आरोपी बिभव कुमार खुदरु गांव का ही निवासी है. बिभव के पिता महेश्वर राय गांव पर ही रहते हैं. जो बीएमपी के सिपाही पद से स्वेक्षिक अवकाश ले चुके हैं. वह अपने पुत्र को पूरी तरह से निर्दोष बता रहे हैं तथा कह रहे हैं कि पिछले 15 सालों से अरविंद केजरीवाल के साथ हैं. ऐसे में उनका आचरण बहुत अच्छा है.

बताया कि बिभव बनारस के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरा करने के बाद पत्रकारिता की पढ़ाई करने दिल्ली चला गया था. शुरुआत में दिल्ली में रहकर एक एनजीओ से भी जुड़ा. जिस दौरान अरविंद केजरीवाल से संपर्क में आया और बाद में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर बिभव कुमार मुख्यमंत्री को आप्त सचिव बनाया गया. बिभव कुमार की गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद उनके पिता महेश्वर राय चिंतित हो गए हैं. उन्होंने बताया कि पुत्र से मोबाइल फोन पर बात हुई है. जिसमें बिभव ने बताया कि स्वाति मालीवाल मैडम बेवजह मुद्दा बना रही है. उन्होंने तो सीएम से मिलने के लिए थोड़ी देर इंतजार करने के लिए कहा था. लेकिन उन पर गंभीर आरोप लगे हैं. वहीं, खुदरू गांव के लोगों का कहना है कि दो भाइयों में सबसे बड़ा बिभव काफी मिलनसार रहा है. क्योंकि पिछले कई वर्षों से विभव गांव में नहीं है. लेकिन उनके परिवार का गांव में सबसे अच्छा संबंध है. लोगों की माने तो वह अरविंद केजरीवाल का विश्वासी माना जाता है. बिभव को चुनाव लड़ने का भी ऑफर मिला था, लेकिन पर्दे के पीछे से ही काम करने को उसने प्राथमिकता दी. अब स्वाति मालीवाल के कारण वह चर्चा में हैं.

बिभव कुमार के पिता

बता दें कि दिल्ली में सीएम हाउस में आप सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के आरोपी अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया. पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए दोपहर में सिविल लाइंस थाने ले गई और पूछताछ के बाद बिभव को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. जानकारी के मुताबिक, स्वाति मालीवाल 13 मई को अरविंद केजरीवाल से मिलने सीएम हाउस पहुंची थीं. जिसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि पीए बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट और बदसलूकी की. उनके कपड़े तक फट गए थे. स्वाति ने 16 मई को शाम में दिल्ली पुलिस में एफआईआर करवाई थी. 17 मई को रात 12 बजे के आसपास दिल्ली पुलिस ने AIIMS में मालीवाल का मेडिकल करवाया था. शनिवार को रिपोर्ट आई, जिसमें मालीवाल की आंख और पैर में चोट के निशान मिले. रिपोर्ट आने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली पुलिस सीएम हाउस पहुंची और बिभव कुमार को अरेस्ट कर लिया. मारपीट के आरोपी बिभव कुमार ने भी मालीवाल के खिलाफ 17 मई को FIR दर्ज कराई है. उन्होंने शिकायत में कहा कि स्वाति मालीवाल जबरदस्ती सीएम आवास में दाखिल हुईं और रोके जाने पर हंगामा खड़ा किया और स्टाफ को गाली दी.

बताया जाता है कि बिभव कुमार व्यक्तिगत और राजनीतिक दोनों तरह से अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी और प्रबंधक हैं. बिभव ने पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद अपना करियर दिल्ली में वीडियो जर्नलिस्ट के तौर पर शुरू किया. वह इंडिया अगेंस्ट करप्शन की मैगजीन में वीडियो एडिटर के तौर पर काम करते थे. वहीं उनकी पहली बार अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई थी. केजरीवाल ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया तो बिभव केजरीवाल के करीब होने के कारण मैगजीन के काम से इतर एनजीओ के दूसरे कामों के साथ ही केजरीवाल के प्रतिदिन के कार्यक्रम भी देखने लगे. केजरीवाल का उनमें जैसे-जैसे भरोसा बढ़ता गया, वैसे-वैसे वो सर्वाधिक विश्वस्त हो गए और एक तरीके से उनके निजी सहायक(पीए) की तरह काम करने लगे.

वर्ष 2015 में आप की सरकार बनने पर केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तो बिभव को उनका निजी सचिव(पीएस) नियुक्त कर दिया गया. इसके बाद उन्हें सरकार से वेतन मिलने लगा और वो उसके बाद के कार्यकाल में भी अब से कुछ सप्ताह पहले तक मुख्यमंत्री के निजी सचिव रहे. विगत 10 अप्रैल 2024 को सतर्कता विभाग ने उनकी नियुक्ति को नियमों का उल्लंघन कर की गई नियुक्ति बताते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी ने उन्हें सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास भी खाली करने को कहा था. इसके बाद उन्हें सरकार से वेतन मिलना बंद हो गया, लेकिन केजरीवाल के निजी सहायक के तौर पर मुख्यमंत्री आवास में और केजरीवाल के साथ उनका काम करना जारी रहा.

वर्ष 2007 में नोएडा अथॉरिटी में कार्यरत महेश पाल ने बिभव समेत चार लोगों पर उनसे गाली गलौज, मारपीट, धमकी देने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगाए थे. इसी आपराधिक मामले के लंबित रहने के कारण मुख्यमंत्री के निजी सचिव (पीएस) के रूप में उनकी नियुक्ति को सतर्कता विभाग ने अवैध बताया था. विगत 6 फरवरी को ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बिभव के घर पर छापेमारी की थी. जल बोर्ड घोटाले और आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी बिभव से पूछताछ भी कर चुकी है.

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