रोहतास में आठ बालू घाटों की हुई बंदोबस्ती

प्रतीकात्मक तस्वीर

रोहतास में करीब छह माह बाद सोन नद के आठ बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रशासन द्वारा की गई है. बंद पड़े घाटों को एक-एक कर चालू करने की प्रशासनिक कवायद भी शुरू कर दी गई है. डेहरी के हुरका घाट से बालू निकासी का काम प्रारंभ हो गया है. जबकि अमियावर, दनवार, मकराईन व इंद्रपुरी के चकन्हां घाट से भी एक-दो दिन में बालू निकासी का कार्य शुरू होने की उम्मीद है. कैथी, शंकरपुर व पडुहार घाट के भी जल्द चालू होने की संभावना जताई जा रही है. रोहतास के बालू घाटों से सरकार को अच्छा-खासा राजस्व की प्राप्ति होती है.

खनन विभाग के प्रभारी सहायक निदेशक मधुसुदन प्रसाद के मुताबिक डेहरी के समीप सोन नद का हुरका घाट से बालू निकासी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. अन्य बंदोबस्त घाटों से भी निकासी कार्य जल्द शुरू करने का प्रयास जारी है. बिहार स्टेट माइनिग कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्धारित दर पर बालू मुहैया कराने का कार्य घाट ठीकेदारों को दिया गया है. निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बालू बेचने वालों पर खनन अधिनियम के तहत समुचित कार्रवाई की जाएगी. बालू की ढुलाई पर विशेष नजर रखी जाएगी.

गौरतलब है कि बालू के अवैध खनन रोकने की मांग को लेकर घाट ठीकेदारों द्वारा गत एक मई से निकासी से हाथ खड़ा कर दिया गया था. जिसके बाद जिलेवासियों को बालू की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. निर्माण कार्य भी लगभग प्रभावित है. अवैध खनन को रोकने के लिए कई बार पुलिस व तस्करों के बीच झड़प तथा पथराव भी हुई.

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