सासाराम-आरा रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों के लिए सासाराम में स्वीकृत रेल फ्लाईओवर (आरएफओ) का निर्माण कार्य मार्च 2023 के आसपास में पूरा हो जायेगा. 326 करोड़ की लागत से बन रहे इस रेल फ्लाईओवर का निर्माण डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) द्वारा कराया जा रहा है.
आरएफओ के निर्माण के लिए पांच गांव की भूमि को रेलवे ने अधिग्रहित करने का काम किया है. जिसमें मदैनी, अहरांव, उधोपुर, मिर्जापुर व डिलियां गांव की जमीन शामिल है. इस फ्लाई ओवर ब्रिज के बन जाने के बाद हावड़ा-सासाराम रेलखंड के रास्ते आरा तक ट्रेनों के परिचालन करने में विभाग को सहूलियत हो जाएगी. हाल ही में DFCCIL ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘सासाराम में रेल फ्लाईओवर के लिए कुल लंबाई 95.38 मीटर ओपन वेब गर्डर की लॉन्चिंग का काम प्रगति पर है. लॉन्चिंग की कुल लंबाई 148 मीटर (95 मीटर गर्डर + 53 मीटर लॉन्चिंग नाक) है, जिसमें लॉन्चिंग का कुल कैंटिलीवर हिस्सा 75 मीटर है.’
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2018-19 की आम बजट में सासाराम-आरा रेलखंड के लिए सासाराम में रेल फ्लाईओवर निर्माण योजना की स्वीकृति दी थी. जिसका सर्वे कार्य अक्टूबर 2019 में पूरा करते हुए नक्शा को अंतिम रूप देने का कार्य किया गया था, जिसका निर्माण कार्य अभी चल रहा है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसीसी) निर्माण से आरा-सासाराम रेलखंड पर प्रभावित होने वाले ट्रेन परिचालन को निर्बाध रूप से जारी रखने के उद्देश्य से डीएफसीसी ने आठ वर्ष पूर्व रेलवे को अलग से फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव दिया था. पांच किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर को करमडिहरी गांव से मदैनी रेलवे गुमटी होते हुए दक्षिणी किनारा से सासाराम स्टेशन तक बनाने की बात कही जा रही है, ताकि पुल के उपर से रेल लाइन बिछा परिचालन को यथावत रखा जा सके.