समापन में चले गए डालमियानगर स्थित रोहतास उद्योग समूह के क्वार्टरों में रह रहे लोगों के क्वार्टर खाली करने के हाईकोर्ट के आदेश पर अमल कराने की रणनीति प्रशासन ने तैयार कर ली है. हाईकोर्ट के आदेश पर क्वार्टरों को खाली करने की डेडलाइन प्रशासन द्वारा 30 अगस्त को दिया गया है. डेडलाइन की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, डालमियानगर क्वार्टर में रहने वाले लोगों की धड़कनें तेज होती जा रही हैं. अब हताश होकर डालमियानगर क्वार्टर में रहने वाले लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से इच्छा-मृत्यु की गुहार लगाई है.
यहां आवासीय परिसर में रहने वाले 11 वृद्धजनों ने शपथ पत्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. इस खबर ने पुलिस-प्रशासनिक व आईबी से जुड़े अधिकारियों के बीच चिंता बढ़ा दी है. गुहार लगाने वालों में डालमियानगर निवासी वृद्ध निर्मल कुमार, तारा देवी, रमाशंकर सिंह, रामदुलारी देवी, किरण कुंवर, शशि भूषण प्रसाद श्रीवास्तव, विमल प्रसाद, दूधनाथ सिंह, शिव कुमार सिंह, सुरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव एवं पारस दुबे शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व राष्ट्रपति को भेजे शपथ पत्र में इन सबने कहा है कि ‘वे करीब 50 वर्षों से डालमियानगर के आवासीय क्वार्टर में रह रहे हैं. वर्ष 1984 में उद्योग बंद होने के बाद भुखमरी की स्थिति आ गई थी. जैसे-तैसे बच्चों का पालन-पोषण कर उन्हें बड़ा किया. किसी प्रकार से सपरिवार जीवन यापन कर रहे हैं. इसी बीच रोहतास उद्योग के शासकीय समापक द्वारा गलत तथ्यों की जानकारी दिए जाने की वजह से उच्च न्यायालय द्वारा क्वार्टर खाली कराने का आदेश दिया गया है. ऐसे में क्वार्टर खाली करने के बाद हम सभी के पास किसी तरह का कोई सहारा नहीं है. स्थिति काफी दयनीय हो जाएगी.
शपथ पत्र के माध्यम से हम सभी आग्रह करते हैं कि इस स्थिति में मृत्यु के अलावा कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है. इसलिए इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए. वृद्धजनों ने इसकी प्रतिलिपि जिले के डीएम, एसपी, एसडीएम, रोहतास उद्योग के शासकीय समापक सीओ व डालमियानगर थानाध्यक्ष को भी भेजी है. इधर, क्वाटरों में रह रहे लोग हाथ में तख्ती लेकर मार्च निकाल रहे है.
बताते हैं कि वर्षों से डालमिया के इन क्वार्टरों में रहने वाले लोग यह मान बैठे थे कि अब वह उनका हो गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद खाली कराए जाने वाले इन क्वार्टर में से करीब 750 में रोहतास उद्योग समूह के चालू रहने के समय कार्यरत इम्प्लाई यानी पूर्व कर्मी या उनके परिवार के सदस्य रहते हैं. करीब 650 क्वार्टरों में बाहरी व्यक्ति रहते हैं. इन 650 क्वार्टर में से 150 क्वार्टरों पर बिना किराया दिए अवैध रूप से रहने वाले लोग बताए जाते हैं. उन 650 क्वार्टरों में रहने वाले बाहरी लोगों को एक माह के अंदर खाली करना होगा.
बताते चलें कि वर्ष 2021 में डालमियानगर निवासी एक व्यक्ति द्वारा न्यायालय में वाद संख्या 304/2021 दर्ज कराया गया था. जिसके परिपेक्ष्य में 537 क्वार्टरों को खाली करने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया था. जिसके बाद अमरनाथ सिंह, सरयू प्रसाद, अरविंद कुमार सिन्हा समेत अन्य ने न्यायालय में परिवाद दायर किया. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त परिवाद को खारिज करते हुए कंपनी के सारे क्वार्टरों को खाली करने का आदेश दिया है.
बताते हैं इसके पूर्व भी वर्ष 2004 में पूर्व इम्प्लाई की तरफ से मजदूर नेता गिरजानंद सिंह व गया शर्मा द्वारा क्वार्टरों को ले परिवाद दायर किया गया था. वर्ष 2004 में कंपनी जज रहे आरएस गर्ग द्वारा इम्प्लाई से क्वार्टर की खरीद को ले ऑफर मांगा गया था. वर्ष 2010 में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस पीके सिन्हा का वन मैन कमीशन बनाया गया था, जिसने अपना रिपोर्ट दिया था कि सर्किल रेट पर जिस क्वार्टर में पूर्व इम्प्लाई रह रहे हैं, उन्हें दे दी जाए.
वहीं, हाईकोर्ट के आदेश व कंपनी की अपील पर उद्योग समूह के क्वार्टरों को खाली कराने को लेकर बीते गुरुवार को प्रशासन ने डालमियानगर ओपी के सहयोग से माईकिंग भी की थी. माईकिंग के माध्यम से पटना उच्च न्यायालय का हवाला देते हुए बताया जा रहा था कि रोहतास उद्योग समूह डालमियानगर में स्थित 1471 क्वार्टरों को 30 अगस्त 2023 तक खाली कर चाबी शासकीय समापक के कार्यालय में सौंप दें. अन्यथा, 2 सितंबर 2023 को सुबह से प्रशासन की ओर से क्वार्टरों को खाली कराया जाएगा.