रोहतास: कुख्यात नक्सली विजय आर्य को संरक्षण देने वाला यूपीए एक्ट का फरार नक्सली गिरफ्तार

रोहतास जिले के रोहतास थाना क्षेत्र के अमझोर के कशिश जलप्रपात के रास्ते से रोहतास पुलिस और एसएसबी के जवानों ने यूपीए एक्ट वांछित नक्सली राजेश गुप्ता को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. राजेश रोहतास थाना के समगुता गांव का निवासी है. इस पर बिहार व झारखंड विशेष एरिया कमेंटी सैक के सदस्य विजय आर्य को संरक्षण देने का आरोप है. राजेश तीन माह से फरार चल रहा था, जो दूसरे राज्य में जाकर छिप कर रह रहा था.

बताया जाता है कि दो दिन पूर्व घर पर आया था और कशिश जलप्रपात के रास्ते की ओर जा रहा था. जिसकी गुप्त सूचना पुलिस और सुरक्षा बलों को मिली. जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. इस संबंध में जानकारी देते हुए एसपी आशीष भारती ने बताया कि यूपीए एक्ट वांछित नक्सली राजेश कुमार गुप्ता को पुलिस के विशेष टीम के द्वारा एसएसबी के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया है.

रोहतास थाना में दर्ज दो मामलों 119/16, 123 /22 में इसकी तलाश थी, दोनों मामले UPA एक्ट से जुड़ें हैं. रोहतास थाना कांड संख्या 123 /22 जो यूपीए एक्ट से जुड़ा है और जिसे गृह मंत्रालय के आदेशानुसार NIA को स्थानांतरित किया गया है. बताया कि राजेश गुप्ता की गिरफ्तारी के लिए रोहतास एवं एसएसबी द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी किया जा रहा था, किंतु गिरफ्तारी के भय से वह फरार चल रहा था. इसी क्रम में पता चला कि उक्त नक्सली कशिश जलप्रपात के रास्ते पहाड़ से भागने की तैयारी में है. सूचना प्राप्त होते ही पुलिस की विशेष टीम द्वारा जलप्रपात क्षेत्र की नाकेबंदी की गई और एसएसबी के सहयोग से नक्सली राजेश कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया.

बताया कि राजेश गुप्ता गत महिनों में गिरफ्तार नक्सली विजय कुमार आर्या का स्थानीय सहयोगी रहा है. वह क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को फिर से सक्रिय करने का प्रयास कर रहा था. वह लेवी वसूली एवं पार्टी के प्रचार-प्रसार में सक्रिय था. एसपी ने बताया कि उसके द्वारा कई नक्सली घटना को अंजाम देने एवं नक्सली गतिविधियों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की गई है. पूछताछ के दौरान उसके द्वारा कई अहम जानकारी दी गई है, जिससे रोहतास व कैमूर के पहाड़ी क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों पर रोकथाम में मदद मिलेगी. एसपी ने कहा कि इस कांड में पूर्व में दो कुख्यात नक्सली विजय कुमार आर्य व उमेश चौधरी को गिरफ्तार किया गया था.

बताया जाता है कि पुलिस ने विजय कुमार आर्य, राजेश गुप्ता, उमेश चौधरी, अनिल यादव और रूपेश कुमार सिंह को नामजद करते हुए कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था. एनआईए ने 26 अप्रैल को कांड संख्या 19/22 दर्ज करते हुए इस मामले को सुनवाई के लिए एनआईए कोर्ट को भेज दिया. जानकारी के अनुसार एनआईए ने सभी पांचों नक्‍सलियों के खिलाफ IPC की धारा 121, 122बी, 124, 120बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया है. इनके खिलाफ यूपीए की धारा 10, 13, 16, 18, 19, 20 और 30 के तहत भी केस दर्ज किया गया है.

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