चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ताराचंडी शक्तिपीठ में उमड़ी भक्तों की भीड़, गूंजे मां के जयकारे

रोहतास में शक्तिपीठ मां ताराचंडी धाम सहित जिले के अन्य देवी मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन शनिवार को मां की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. मां के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहा. माता रानी के जयकारे से मंदिर गूंज उठा. श्रद्धालुओं ने दो साल के अंतराल के बाद मंदिरों में चैत्र नवरात्र पर पूजा अर्चना की और घंटी की मधुर ध्वनि सुनने को मिली.

कोरोना के कारण वर्ष 2020 एवं 21 के चैत्र नवरात्र में सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया था. इस कारण से भक्तगण लगातार दो सालों तक चैत्र नवरात्र में शक्तिपीठ मां ताराचंडी के दर्शन नहीं कर सके थे. लेकिन इस बार कोरोना का असर नहीं होने के कारण मंदिरों में पूजा अर्चना को लेकर किसी तरह की कोई बंदिशें नहीं है. इस वजह से भक्तगण पूरे परिवार के साथ माता रानी के दर्शन करने पहुंच रहे हैं.

चैत्र नवरात्र में यहां कई भक्त मन्नत पूरी होने पर अखंड दीप जलाने पहुंचे. जो यहां आकर्षण के केंद्र हैं. ज्ञात हो कि मंदिर परिसर में स्थापित दीप घर भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है. भक्तों की भीड़ को देखते हुए पूजा कमिटी व जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. महिला व पुरूष भक्तों के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग कर मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था किए गए हैं. वाहनों के खड़े करने के लिए अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है.

ताराचंडी शक्तिपीठ के बारे में मान्यता है कि सती के तीन नेत्रों में से एक दायां नेत्र यहीं पर गिरा था. जिसके बाद यह स्थान मां तारा चंडी शक्तिपीठ के नाम से विख्यात हुआ. ऐसी मान्यता है कि महर्षि विश्वामित्र ने इस पीठ का नाम तारा रखा था. यहीं पर परशुराम ने मां तारा की उपासना की थी. मां तारा इस शक्तिपीठ में बालिका के रूप में प्रकट हुई थी, यहीं पर चन्ड का वध किया गया था, जिसके कारण चंडी नाम रखा गया.

मंदिर में स्थित शिलालेख से यह स्पष्ट होता है कि 11वीं सदी में यह देश के ख्यातिप्राप्त शक्ति स्थलों में से एक है. मंदिर के गर्भ गृह में सन् 1229 का खरवार वंशी राजा प्रताप धवल देव द्वारा ब्राह्मी लिपि में लिखवाया गया शिलालेख है. यह मंदिर की ख्याति व ऐतिहासिकता को दर्शाता है. रोहतास जिले के अलावा कैमूर, बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, गया, पटना सहित अन्य कई जिलों से लोग शक्तिपीठ पर पहुंचते है.

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