बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर दिया गया विवादित बयान बड़ा रूप लेता दिख रहा है. अब इसे लेकर सासाराम शहर में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का शव यात्रा निकाला. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता भी शव यात्रा में साथ रहे. साथ ही अद्वैत आश्रम के प्रसिद्ध संत स्वामी अंजनेश भी मौजूद रहे.
कार्यकर्ताओं ने शिव घाट से जुलूस के शक्ल में शव यात्रा निकाली और मंत्री के पुतला को शव यात्रा की शक्ल में लेकर ‘राम नाम सत्य है’ का नारा लगाते हुए सासाराम के पोस्ट ऑफिस चौराहे पर पहुंचे. जहां मंत्री के तस्वीर तथा उनके पुतला को जलाया एवं विरोध किया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिहार सरकार के महत्वपूर्ण पद पर बैठे मंत्री चंद्रशेखर द्वारा उनके पवित्र ग्रंथ को लेकर विवादित टिप्पणी की गई है. जिसका वे लोग विरोध करते हैं. पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद ने मंत्री के बर्खास्तगी की मांग की.
प्रसिद्ध संत स्वामी अंजनेश ने कहा कि भारतीय संविधान भी उनके धार्मिक ग्रंथों को मान्यता देता है. न्यायालयों में उनके धार्मिक ग्रंथों को लेकर सत्य बोलने की शपथ दिलाई जाती है. लेकिन एक जिम्मेदार पद पर बैठा शख्स भारतीय जनमानस के पवित्र ग्रंथों का अपमान कर रही है. विदित हो कि नालंदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया था. अब तक अपने दिए गए इस बयान पर शिक्षा मंत्री तो कायम है लेकिन विपक्षी पार्टी साथ ही समर्थित पार्टी जेडीयू भी उनके इस बयान का समर्थन नहीं कर रही है.