सरकारी कार्यों में गुणवत्ताहीनता का एक नमूना सासाराम में देखने को मिला है. डेढ़ साल पूर्व ही सासाराम शहर में बना गौरक्षणी रेलवे ओवरब्रिज में कई जगह खोखला होना शुरू हो गया है, जिससे पुल के निर्माण में गुणवत्ताहीनता उजागर हो गई है. गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं किए जाने से फ्लाईओवर के उपरी हिस्से में कई जगहों पर 6 इंच से अधिक गड्ढ़ा बन चुका है.
यही नहीं सीमेंटेड सतह में कई जगह दरारें देखी जा सकती हैं. इस रेल ओवर ब्रिज पर उभर रहे गड्ढों को देख स्थानीय लोगों के साथ यात्रियों में भी भय का आलम है. लोग किसी अनहोनी की आशंका से भयभीत है. लोगों की मानें तो पुल की मरम्मति जल्दी नहीं की गई तो कभी भी ध्वस्त हो सकता है, जिसका खमियाजा बेकसूर यात्रियों को भुगतना पड़ सकता है. बता दें कि गौरक्षणी रेलवे ओवरब्रिज का 15 दिसंबर 2018 को उद्घाटन के बाद लोकल प्रशासन को सुपुर्द किया गया था.
वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों कि मानें तो ओवरलोडेड बालू लदे वाहनों के परिचालन से शहर के ओवरब्रिज टूटने लगे हैं. प्रशासन दावा करता है कि बालू लदे ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध लगातार अभियान चला कार्रवाई की जा रही है. लेकिन हकीकत यह है कि दिन के उजाले में ओवरलोड बालू लदे वाहन शहर के पुराने जीटी रोड से होकर अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं.
जानकार बताते हैं कि अगर स्टील का भी रोड और ब्रिज बना दिया जाये, तो भी कामयाब नहीं होगा. पड़ोसी राज्यों में लाल बालू की डिमांड बढ़ने से बालू मलाईदार धंधा बन गया है. बालू के इस खेल में बालू माफियाओं से लेकर अधिकारी तक मालामाल हो रहे हैं. सड़कों पर इंट्री माफियाओं का एकछत्र राज चलता है. अधिकारियों से सेटिंग कर ओवरलोड वाहनों को पार कराते हैं. वहीं रात में पुलिस बालू लदे वाहनों से पैसा वसूलने में लगी रहती है. किसी को सड़क व ब्रिज के सेहत की चिंता नहीं होती है.