सोन के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र व मध्यप्रदेश के बाणसागर व उत्तर प्रदेश के रिहन्द जलाशय से रबी फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी इंद्रपुरी बराज को मिलेगा. इसी क्रम में मध्यप्रदेश के बाणसागर एवं उत्तरप्रदेश के रिहन्द जलाशय से छोड़े गए पानी को इंद्रपुरी बराज पहुंचने पर नहरों में पानी की मात्रा बढ़ा दी गई है. इससे नहरो के टेल एंड तक किसानों की मांग के अनुसार पटवन की पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. विभागीय अधिकारियो को निर्देशित किया गया है कि नहरों पर नियमित पेट्रोलिंग किया जाए व सोन नहर कमांड क्षेत्र के सभी खेतों पर सिंचाई को पानी आपूर्ति सुनिश्चित कराया जाएगा.
जल संसाधन विभाग के अनुसार, सोन के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र व मध्यप्रदेश के बाणसागर व उत्तरप्रदेश के रिहन्द जलाशय से रबी फसलों के पटवन को इंद्रपुरी बराज को पानी पहुच रहा है. किसानों की जितनी मांग होगी उसके अनुसार पानी की आपूर्ति रिहन्द व बाणसागर जलाशय से मिलेगा. रिहन्द से फिलवक्त नियमित लगभग दो हजार क्यूसेक पानी मिल रहा है, जबकि बाणसागर से भी मांग के अनुसार 4 हजार क्यूसेक पानी नियमित मिलेगा. मध्य प्रदेश के बाणसागर जलाशय से गत चार जनवरी को छोड़ा गया 4 हजार क्यूसेक पानी एवं उत्तरप्रदेश के रिहन्द जलाशय से छोड़ा गया 2 हजार क्यूसेक पानी शुक्रवार को इन्द्रपुरी बराज पर पहुच गया. इंद्रपुरी बराज पर आज 7279 क्यूसेक पानी ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र से पर्याप्त हो रहा है.
मोनेटरिंग सेल के अनुसार बराज का लेवल मेंटेन करने के बाद 5220 हजार क्यूसेक पानी पश्चिमी संयोजक नहरो में छोड़ा गया है. पूर्वी संयोजक नहर में आज तक मांग नही आने के कारण पानी नही छोड़ा गया है. इससे औरंगाबाद, अरवल व पटना जिलो में पटवन होता है, जबकि पश्चिम संयोजक नहरों से रोहतास, भोजपुर, कैमूर और बक्सर जिलों में खेतों की सिंचाई होती है. उन्होंने बताया कि मांग के अनुसार पानी की कमी नहीं है.
सोन बराज इंद्रपुरी प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रविंद्र चौधरी के अनुसार सोन नहर कमांड क्षेत्र में बाणसागर जलाशय से मांग के अनुसार पटवन को पानी मिलने के बाद सोन नहर कमांड क्षेत्र के किसानों को मांग के अनुसार पानी की आपूर्ति की जा रही है. जितनी जरूरत होगी पानी की कमी नहीं होगी. बाणसागर व रिहन्द जलाशय के पास बिहार के हिस्से का पानी जरूरत के अनुसार मिलना तय है. उन्होंने बताया कि इंद्रपुरी बराज से सभी नहरो के टेल एन्ड तक पानी पहुच रहा है.