रोहतासगढ़ किला पर 19 को मनेगा राजकीय रोहतासगढ़ महोत्सव

फाइल फोटो: रोहतासगढ़ तीर्थ महोत्सव

आदिवासियों के उदगम स्थल रोहतासगढ़ किला पर प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव को अब सरकार राजकीय महोत्सव के रूप में मनाएगी. जिसकी सूचना राज्य के पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन को दी है. जिला प्रशासन 19 फरवरी को महोत्सव मनाने की तैयारी भी शुरू कर दिया है. जिसमें देश के कई चर्चित कलाकार भी शामिल होंगे. इस किले पर गत 12 वर्षों से अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है.

जनश्रुतियों के अनुसार रोहतासगढ़ किला का निर्माण राजा हरिश्चन्द्र के पुत्र रोहिताश्व द्वारा किया गया था. वनवासी अपने पूर्वजों का यह किला मानते हैं. यहां असम, बंगाल, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, झारखंड प्रांत से वनवासी समुदाय के लोग प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा को अपने पूर्वजों की धरती को नमन करने आते हैं.

फाइल फोटो

आदिवासी समुदाय उरांव, खरवार का मानना है कि हमारा उदगम स्थल रोहतासगढ़ ही है. जहां से मुगल काल में युद्ध में हार के बाद विस्थापित हो हमारे पूर्वज इस धरती से भारत के अन्य प्रांतों में जाकर बस गए थे. किला परिसर में एक अति प्राचीन करम का वृक्ष है, जिसकी पूजा अर्चना के लिए आदिवासी समुदाय के लोग यहां आते हैं और अपने पूर्वजों की धरती को नमन करते है. साथ ही भारत के विभिन्न भागों के अलावे मारिसस, सुरीनाम आदि देशों में कालापानी सजा के दौरान बस चुके आदिवासी समाज के लोग रोहतास किला की मिट्टी को ले जाकर अपने घरों में रखना अपना सौभाग्य समझते हैं. गत बारह वर्षों से प्रत्येक वर्ष पूर्णिमा को रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव का आयोजन किया जाता है. 

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मालूम हो कि वर्ष 2007 में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव उरांव के नेतृत्व में रोहतासगढ़ तीर्थ यात्रा महोत्सव की शुरुआत की गई. आश्रम की जिला इकाई, स्थानीय लोगों, जन प्रतिनिधियों के सहयोग से आगंतुकों की सुविधा एवं सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है. दिसंबर 2017 में गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से विधानसभा में चेनारी विधायक ने राजकीय महोत्सव मनाए जाने की गुजारिश सरकार से की थी. जिस पर राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को मामले से अवगत कराते हुए कार्यक्रम की जानकारी मांगी थी.

जिसके आलोक में जिला प्रशासन 20 दिसंबर 2017 के माध्यम से राज्य सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय को कार्यक्रम की रूपरेखा एवं व्यवस्था की जानकारी दी थी. जिसका अवलोकन करते हुए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने राजकीय महोत्सव मानने का निर्णय लिया। पर्यटन विभाग के निदेशक उदय कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी को अवगत कराते हुए कार्यक्रम के रूप रेखा की जानकारी मांगी है.

बता दें कि इस वर्ष कार्यक्रम में राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, झारखंड विधान सभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, भोजपुरी सिनेमा के अभिनेता व सांसद मनोज तिवारी को शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.

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