गुरुवार को छह श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से सासाराम स्टेशन पर 2500 लोग पहुंचे. इसमें गाजियाबाद से सासाराम के लिए चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन पर सवार होकर देर शाम 1500 श्रमिक सासाराम पहुंचे. जबकि देश के अलग-अलग शहरों से बिहार के लिए खुली पांच श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के सासाराम में हुए ठहराव के दौरान 1000 प्रवासी श्रमिक को उतारा गया.
एक दिन में 2500 प्रवासी मजदूरों के सासाराम पहुंचने के कारण अहले सुबह से लेकर देर रात तक स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन परेशान की टीम तैनात थी. सभी श्रमिकों की स्टेशन पर स्क्रीनिंग करायी गई. स्क्रीनिंग के बाद स्टेशन और ही सबको जलपान कराया गया. इसके बाद श्रमिकों को परिवहन विभाग द्वारा फजलगंज स्टेडियम में बने वाहन कोषांग तक ले जाया गया. जहां से हर प्रखंड के लिए खुलने वाली अलग-अलग बसों से श्रमिकों को उनके गृह पंचायत व प्रखंड क्वारंटाइन सेंटरों में पहुंचाया जा रहा है. जहां उन्हें 21 दिनों तक क्वारंटाइन रहने के बाद उनके घर भेजा जाएगा. इससे पहले सभी की कोविड-19 की जांच करायी जाएगी. जांच रिपोर्ट निगेटिव पाए जाने वालों को क्वारंटाइन सेंटर से छुट्टी की जाएगी.
वहीं, एक दिन में 2500 प्रवासी श्रमिकों को उनके पंचायत तक पहुंचाने के लिए पुलिस व जिला प्रशासन की टीम को सुबह से देर रात तक मशक्कत करनी पड़ी. इसके लिए स्टेशन की पहले से घेराबंदी की गयी थी. ताकि ट्रेन से उतरने के बाद कोई भी श्रमिक अपने घर नहीं जा सके. स्टेशन पर रेल पुलिस के अलावे जिला पुलिस भी सुबह से रात तक तैनात रही.
इन श्रमिक ट्रेनों से सासाराम स्टेशन पहुंचे श्रमिकों ने भारतीय रेलवे और केंद्र सरकार की तारीफ़ की. उन्होंने कहा कि सफर के दौरान फ्री टिकट, नास्ते के पैकेट एवं पानी के बोतल फ्री में दिए गये.