बिहार में इस सीजन (15 नवंबर से 31 मार्च) 12 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इसमें अकेले रोहतास जिले से 84 हजार टन धान की खरीद होगी. सूबे के 10 ऐसे जिले हैं जहां धान की खरीद के लिए सबसे अधिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है. धान खरीद के बाद किसानों को ऑनलाइन भुगतान हो इसके लिए भी दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं.
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से 22 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सूबे के 10 जिलों में धान की सबसे अधिक खरीद की जाएगी. इसमें रोहतास में 84 हजार, पूर्वी चंपारण में 64 हजार, पश्चिमी चंपारण में 62 हजार, कैमूर, औरंगाबाद और नालंदा में 60-60 हजार, मुजफ्फरपुर में 52 हजार आठ सौ, मधुबनी में 48 हजार, भोजपुर में 44 हजार चार सौ और पटना में 42 हजार टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
31 मार्च तक धान की होगी खरीद: खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने धान के लिए दो प्रकार के मूल्य निर्धारित किये हैं. साधारण धान की कीमत प्रति क्विंटल 1750 रुपये तथा ग्रेड ए प्रकार की धान की कीमत प्रति क्विंटल 1770 रुपये निर्धारित की गई है. धान खरीदने की अवधि 15 नवंबर 2018 से 31 मार्च 2019 तक निर्धारित की गई है. इसी प्रकार धान की मिलिंग यानि सीएमआर प्राप्ति की अवधि 15 नवंबर 2018 से 31 जुलाई 2019 तक निर्धारित की गई है. पैक्स एवं व्यापार मंडलों से सीएमआर की प्राप्ति 30 जून 2019 तक पूरा करने को कहा गया है.
राइस मिल परिसर में नहीं खुलेंगे क्रय केंद्र: राज्य सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पंचायत स्तर पर पैक्स और प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडल धान की खरीद करेंगे. किसी भी परिस्थिति में राइस मिल परिसर में धान खरीद केंद्र नहीं खोले जाएंगे. पैक्स और व्यापार मंडल द्वारा खोले जाने वाले क्रय केंद्र की जिम्मेदारी सहकारिता विभाग को दी गई है.
किसान दो सौ और बटाईदार 75 क्विंटल जमा कर सकेंगे धान: खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि किसान स्वअभिप्रमाणित पत्र के साथ अधिकतम दो सौ क्विंटल धान क्रय केंद्र पर जमा कर सकते हैं. वैसे किसान जो दूसरे की जमीन पर खेती करते हैं, वे संबंधित किसान सलाहकार या वार्ड सदस्य से दूसरे की जमीन पर खेती करने से संबंधित प्रमाणपत्र के साथ अपना ऑनलाइन पंजीकरण करा कर अधिकतम 75 क्विंटल धान क्रय केंद्र में जमा करेंगे.
48 घंटे में धान खरीद का होगा भुगतान: क्रय केंद्रों पर पंजीकृत किसानों को धान खरीद के 48 घंटे के भीतर उनके बैंक खाते में भुगतान करने को कहा गया है. यदि किसी किसान को तय समय सीमा के अंदर भुगतान नहीं होता है तो वे जिला सहकारिता पदाधिकारी या डीएम से शिकायत कर सकते हैं. राज्य सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि किसी भी परिस्थिति में किसानों के धान अधिप्राप्ति का बकाया नहीं होगा.
क्रय केन्द्रों के लिए ये बातें जरुरी: क्रय केंद्रों पर धान खरीद से संबंधित सूचना बोर्ड, बैनर या दीवार पर अभिलेखन हो.
नाप-तौल यंत्र की सुविधा.
ब्लोअर और ड्रायर मशीन की सुविधा अनिवार्य.
प्रतिदिन ऑनलाइन पंजीकृत किसानों की सूची जिले की वेबसाइट, पैक्स, व्यापार मंडल के क्रय केंद्र पर प्रदर्शित करने की व्यवस्था.
रोशनी, दक्ष कर्मी, सुरक्षा, खुला मैदान और पंजियों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था भी जरूरी है.