रोहतास डीएम ने यास तूफान को लेकर किया अलर्ट, आंधी, बारिश और वज्रपात की आशंका

फाइल फोटो

बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में नया चक्रवाती तूफान यास लगातार विकसित हो रहा है. जिसका बिहार समेत कई राज्यों को प्रभावित करने का संभावना व्यक्त किया जा रहा है. रोहतास जिल में यास तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. चक्रवाती तूफान “यास” को देखते हुए डीएम धर्मेंद्र कुमार ने सभी किसान, मछुआरों, नाविकों, पशुपालकों एवं आम नागरिकों से अनुरोध किया है कि सभी अपने घरों में रहे, अनावश्यक बाहर न निकलें एवं सभी तरह के आवश्यक सावधानी को बरतें. चक्रवात को लेकर अलर्ट रहें. ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो सकती है. इसलिए पहले से तैयारी करके रखें.

डीएम ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि मौसम विज्ञान केन्द्र, पटना के द्वारा मिली सूचना के अनुसार एक गहरा दबाव जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना था, ‘यास’ नामक चक्रवाती तूफान में तीव्र हो गया है, जो आज पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर आक्षांश 16.3E तथा दीघा (पश्चिम बंगाल) से लगभग 630 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केन्द्रित है. संख्यात्मक मौसम मॉडल आउटपुट के अनुसार अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान ‘यास’ के बहुत गंभीर बनकर आगे बढ़ने की संभावना है. इस चक्रवात के कारण अधिकतम 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी.

वहीं बिहार में इस तूफान का असर 27 मई से 30 मई तक रहने की चेतावनी जारी की गई है. इस दौरान तेज हवा के साथ तेज एवं हल्की बारिश, बिजली कड़कने-गिरने-चमकने जैसी घटनाएं बिहार के अधिकांश जिलों में हो सकती है. राज्य के दक्षिण और मध्य भागों में जहाँ आसमान में बादल छाये रहेंगे और मध्यम से भारी तीव्रता की लगातार बारिश 24 से 48 घंटों तक जारी रहेगी. राज्यभर में 27 व 28 मई को तीव्र आकाशीय बिजली की भी संभावना है.इस दौरान वृक्षों के धराशायी होने, बिजली की आपूर्ति में बाधा पहुँचने के साथ निचले स्थालों में जलजमाव एवं बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। कम रोशनी के कारण फ्लाइट का आवागमन भी बाधित हो सकता है।

तूफान के दौरान क्या करें और क्या न करें: आवास में ऊपरी तलों के अपेक्षा भूतल पर रहें. रेडियो और टीवी पर मौसम के साथ होने का संदेश प्राप्त होने का इंतजार करें. पुराने और क्षतिग्रस्त भवनों और पेड़ों के नजदीक आश्रय लेने से बचें. बिजली और टेलीफोन के खंभों के नीचे ना खड़े हो, क्योंकि ऊँचे वृक्ष, ऊँची इमारत और टेलीफोन व बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते है. घर से बाहर होने पर किसी छतदार मकान में आश्रय लें. ऊँची इमारत वाले क्षेत्रों में शरण नहीं ले. पैदल जा रहे हो तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें. खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुने. इस दौरान एक साथ कई आदमी इकट्ठे न हो. दो लोगों के बीच की दूरी कम से कम 15 फीट हो. यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं.

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