सामाजिक कल्याण को समर्पित एबीआर एजुकेशनल ट्रस्ट की टीम एवं डीएफओ ने रोहतास जिले के शेरगढ़ किला के समीप कैमूर पर बसे उरदगा गांव का भ्रमण किया. मूलभूत आवश्यक्ताओं की बाट जोहते चेनारी प्रखंड स्थित सासाराम से 40 किलोमीटर व चेनारी से 15 किलोमीटर दूर दक्षिणी-पश्चिमी छोर पर स्थित इस गांव के लोगों ने आहत मन से अपनी व्यथा बतायी.
कैमूर पहाड़ी के दुर्गम, जोखिम व अधूरे रास्ते से होकर पहली बार किसी ट्रस्ट ने सरकारी अधिकारी के साथ इस गाँव का सर्वेंक्षण किया. गांव के बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं व पठन-पाठन से महरूम बच्चों से बातचीत की गई. सभी ने अपने-अपने दर्द बयां किया. किसी ने कहा नहाना तो दूर पीने को साफ पानी नसीब नहीं होता. शिक्षा से महरूम बच्चों के बीच अलग कसक थी. शिक्षा का अलख जगाने पहुंचे एबीआर स्कूल के सचिव डॉ. पृथ्वीपाल सिंह ने लोगों के अंदर जागरूकता लाने का प्रयास किया.
इस दौरान बुजुर्गों के बीच टॉर्च, कम्बल, महिलाओं एवं बच्चियों को शॉल तथा छोटे बच्चों को स्वेटर वितरित किया गया. छोटे बच्चों के बीच कॉपी-किताबों के बितरण के साथ-साथ खेल को प्रोत्साहित करने के लिए बच्चियों को बैडमिंटन तथा बच्चों को क्रिकेट सामग्री भी दी गई.
डीएफओ प्रद्दुमन गौरव ने पहाड़ी गांव में सरकारी योजनाओं का हर संभव लाभ उपलब्ध करने की रौशनी दिखाई. उन्होंने कहा कि मानव जीवन में शिक्षा व पर्यावरण का बहुत बड़ा महत्व है. जिस तरह पृथ्वी का आधार जल और जंगल है, उसी तरह मानव जीवन की रीढ़ शिक्षा है. इसलिए इसके महत्व को समझना जरूरी है.