वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए रोहतास जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. संक्रमण का फैलाव न हो और लोग पूरी तरह से स्वस्थ रहें, इसे ले घर-घर जाकर खर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित लोगों की पहचान की जा रही है. यह काम रविवार से शुरू हो गया है.
डीएम पंकज दीक्षित के मुताबिक जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य व आइसीडीएस की संयुक्त टीम गठित की है, जो घर-घर जाकर वैसे लोगों की पहचान करने में जुटी है, जिन्हें सर्दी-खांसी व बुखार के अलावा सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत है. साथ ही इसकी सूची भी विधिवत तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर उनका थर्मल स्क्रीनिग हो सके. इसकी जवाबदेही सेविका, आशा व एएनएम को दी गई है. जबकि एलएचएम व बीएचएम को मॉनीटरिग करने का निर्देश दिया है. सर्दी-खांसी, बुखार व सांस लेने में परेशानी से पीड़ित लोगों का सैंपल लेकर उसे कोरोना जांच के लिए पटना भेजा जाएगा.
आशा के द्वारा जिन बिदुओं की जानकारी प्राप्त की जा रही है उनमें गांव का नाम, घर के मुखिया का नाम, परिवार में कितने लोगों को खांसी जुखाम और बुखार है? कौन-कौन से लोग विदेश एवं दूसरे राज्यों से आए हैं? परिवार में 60 वर्ष से अधिक उम्र के कितने लोग हैं? क्या वे शुगर, बीपी एवं हृदय रोग से पीड़ित है? चिकित्सकीय परामर्श ले रहे हैं या नहीं? किस डॉक्टर की देखरेख में उनका इलाज हो रहा है? आदि बिंदु भी शामिल है. यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ व केयर संस्था से जुड़े कर्मी भी इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं. दल के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन फॉलोअप रिपोर्ट भी सौंपी जा रही है. जिसके बाद चिह्नित किए गए लोगों की परेशानी की जांच चिकित्सक कर रहे हैं. घर-घर जांच कराने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच कोरोना वायरस के संचार को रोकना है. इस दौरान कर्मियों द्वारा शारीरिक दूरी व हैंडवाश के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है.