भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग ने जमुहार स्थित नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में करोना वायरस संक्रमण की जांच हेतु अनुमति प्रदान कर दी है. यह बिहार का एकमात्र निजी चिकित्सा महाविद्यालय है, जहां कोरोना के जांच के लिए आईसीएमआर से अनुमति मिली हैं.
आईसीएमआर ने उपरोक्त अनुमति राष्ट्रीय स्तर पर प्रयोगशालाओं की जांच के लिए मानक तय करने वाली संस्था एनएबीएल द्वारा जांच के उपरांत दिया है. एनएमसीएच जमुहार के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने बताया कि नारायण चिकित्सा महाविद्यालय में ट्रूनेट जांच एवं आर टी पीसीआर जांच दोनों प्रकार की सुविधा उपलब्ध है एवं बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्राप्त निर्देशों के आलोक में जांच प्रक्रिया की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भारत में प्रयोगशाला की गुणवत्ता एवं तकनीकी क्षमता का मूल्यांकन करने वाली संस्थान एनएबीएल द्वारा प्रयोगशाला की कार्यवाही की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा जांच करने के उपरांत आईसीएमआर को सूचित किया गया और उसके उपरांत यह अनुमति प्राप्त हुई है.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में जल्द ही यह सेवा प्रारंभ कर दी जाएगी. प्रबंध निदेशक ने बताया कि बिहार में नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पहला निजी चिकित्सा महाविद्यालय है जिसमें कोरोना वायरस जांच हेतु अनुमति प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि यहां ट्रूनेट जांच एवं आर टी पीसीआर दोनों प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी.
बता दें कि एनएमसीएच जमुहार में एक दिन में 70-100 मरीजों के सैम्पल की जांच हो सकेगी. यह जांच पटना में हो रहे जाँच के मानक के अनुसार है. उल्लेखनीय है कि बिहार में राजधानी पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(आरएमआरआई), नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (एनएमसीएच), पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (पीएमसीएच), इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस), पटना एस्म, मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच, भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल और दरभंगा के दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (डीएमसीएच) में सैंपल की स्वाब जांच की व्यवस्था थी.