कोरोना काल में हो रहे विधानसभा चुनाव में 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए बैलेट पेपर से मतदान कराने की व्यवस्था लागू की थी. लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद दिव्यांगों व सीनियर सिटीजनों को चिन्हित करने में प्रशासन विफल रहा.
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नतीजा यह रहा कि रोहतास जिले के सातों विधानसभा सीटों पर कहीं ना कहीं कोई बुर्जुग अपने मत का प्रयोग करने के लिए खुद मतदान केंद्र पहुंचे. कहीं उनके घर के लोग पीठ पर कंधे पर बिठाकर मतदान केंद्रों की ओर ले जाते दिखे तो कहीं दूसरों का हाथ पकड़ कर बुजुर्ग मतदान के लिए जाते दिखे.
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हालांकि इसके लिए जिस तरह के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता थी. वह स्थानीय स्तर पर नहीं हो सकी. जिसका लाभ बूढ़े-बुजुर्ग मतदाताओं को नहीं मिल सका. इससे एक ओर जहां मतदान को ले बुजुर्ग मतदाताओं के साथ उनके परिजनों में व्यवस्था के प्रति आक्रोश भी दिखा. वहीं इससे मतदान का प्रतिशत भी काफी हद तक प्रभावित हुआ.
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