सासाराम में पहली बार हुआ पासिंग आउट परेड, 460 बेटियां बनी बिहार पुलिस का हिस्सा

सासाराम स्थित न्यू स्टेडियम फजलगंज में गुरुवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस महिला में प्रशिक्षु सिपाहियों का दीक्षांत पारण परेड समारोह का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में शाहाबाद के डीआईजी नवीन चंद्र झा ने परेड की सलामी ली और निरीक्षण किया. जिला मुख्यालय सासाराम में पहली बार आयोजित महिला प्रशिक्षु सिपाहियों के दीक्षांत पारण परेड समारोह के दौरान महिला जवानों ने आकर्षक परेड किया, जिसे देखकर पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. इससे पहले महिला बटालियन केंद्र सासाराम में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला पुलिस कर्मियों का दीक्षांत समारोह (पासिंग आउट) बिहार सैन्य पुलिस केंद्र दो डेहरी में होता था.

कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त महिला सिपाहियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ. परेड में शामिल 460 महिला सिपाही प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अब राज्य के अलग-अलग हिस्से में तैनाती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बताया गया कि महिला सिपाहियों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है. परेड में रोहतास डीएम नवीन कुमार, एसपी विनीत कुमार, बीसेप कमांडेंट लिपि सिंह एवं अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान रोहतास के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार के साथ सेल्फी लेने के लिए महिला सिपाहियों में होड़ सी मच गई.

समारोह में महिला सिपाही और उनके परिजन एक दूसरे से मिलकर भावुक हो उठे. कोई अपनी जांबाज बेटी को चूमने लगा तो किसी ने लिपटकर सेल्फी ली. सभी लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. परिजनों ने बताया कि काफी कठिनाई का सामना करके उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया है. आज उनकी सफलता देखकर हमारा मेहनत सार्थक हो गया.

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीसैप) महिला बटालियन केंद्र बेदा में 216 दिनों तक चले कुल प्रशिक्षण में शास्त्र और शस्त्र दोनों का पाठ पढ़ाया गया. जिसमें सात शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ सात लिखित परीक्षा भी हुई थी. इसमें वैसे खेलों को भी इस प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया गया, जो मानसिक तौर पर इन प्रशिक्षुओं को स्वस्थ रखें. इन सभी के अलावा उन्हें विकट परिस्थितियों में कैसे खुद को उसका सामना करना है उसका भी सिख दिया गया.

इस दौरान उन्हें प्रत्येक प्रकार के हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया गया. लॉन्ग रेंज, शार्ट रेंज के साथ एक-45, एके-56, कारबाइन, ग्रेनेड, रिवाल्वर, पिस्टल से लेकर लाठीचार्ज का भी प्रशिक्षण दिया गया.साइबर अपराध, महिला उत्पीड़न, पॉक्सो एक्ट भी इनके पाठ्यक्रम में शामिल था. उनके प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में जूडो, कराटे, आतंकी गतिविधि से निपटने की भी प्रशिक्षण दिया गया है. वे आपदा में भी कार्य करने में सक्षम हैं. सभी महिला सिपाहियों को प्रशिक्षण में अर्धसैनिक बल की तर्ज पर प्रशिक्षित किया गया है, ताकि किसी भी चुनौती का सामना कर सके.

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