पूनम भारती बनीं रोहतास जिप अध्यक्ष तो वंदना राज बनीं उपाध्यक्ष, जानिए किसे कितने मिले वोट

रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित समाहरणालय के डीआरडीए संवाद कक्ष में सोमवार को जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का चुनाव हुआ. जिसमें अध्यक्ष पद पर पूनम भारती तथा उपाध्यक्ष पद पर वंदना राज चुनी गई है. इसमें करगहर पश्चिमी की जिला पार्षद पूनम भारती ने सीधे मुकाबले में शिवसागर की जिला परिषद सदस्य सुप्रिया कुमारी को हराकर जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया. पूनम को कुल 21 वोट प्राप्त हुए जबकि सुप्रिया को 12 वोट मिले.

विदित हो कि 33 सदस्यीय रोहतास जिला परिषद अध्यक्ष का पद एससी/एसटी के लिए सुरक्षित है. उपाध्यक्ष पद हेतु भी दो नामांकन हुए जो सही पाए गए. उसके बाद वोटिंग में वंदना राज को 18 व महावीर साह को 15 मत प्राप्त हुए. परिणाम स्वरुप संझौली प्रखंड से जिप सदस्य वंदना राज को उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित किया गया. जीत के बाद पर्यवेक्षक की मौजूदगी में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने प्रमाण पत्र दिया. निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार की देखरेख में संपन्न हुआ.

जानकारी के मुताबिक सबसे पहले दो खेमे में जिला परिषद के सदस्य समाहरणालय के डीआरडीए संवाद कक्ष में पहुंचे. सभी सदस्यों के पहुंचने के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा सभी को शपथ दिलाई गई. इस दौरान पद व गोपनीयता के साथ सभी सदस्यों को नशा मुक्ति की भी शपथ दिलाई गई. उसके बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही बाहर समर्थक नारा लगा रहे थे. समाहरणालय के मुख्य गेट तथा परिसर में धारा 144 लागू थी. जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के बाहर आते ही समर्थकों के द्वारा फूल-माला पहनाकर स्वागत किया गया.

रोहतास जिला परिषद के अध्यक्ष के चुनाव का रोचक पक्ष यह भी रहा कि चुनाव में जदयू के दो गुट पर्दे के पीछे से अलग-अलग उम्मीदवारों को सपोर्ट कर रहे थे. जिला परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष नथुनी पसवान भी इस बार भी डेहरी से पार्षद बनने में सफल रहे थे, लेकिन इस बार अध्यक्ष पद के उम्मीदवार नहीं बने. बताया जा रहा है कि पैसे के खेल में वो पिछड़ रहे थे. पर्दे के पीछे जो लोग दाव चल रहे थे, वो उन पर पैसे लगाने को तैयार नहीं थे. जिस कारण दो महिला उम्मीदवार में ही मुकाबला हुआ और नथुनी पासवान के गुट ने भी इनमें से एक का समर्थन करने में ही अपनी भलाई समझी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here