सूखे की संभावित स्थिति को देख प्रभारी डीएम ने नौहट्टा में पहाड़ी इलाके का लिया जायजा, बोले- एक सप्ताह के अंदर ठीक होना चाहिए पेयजलापूर्ति की व्यवस्था

रोहतास जिले में संभावित सुखाड़ व बाढ़ के मद्देनजर जिले के सभी पंचायतों में पेयजल संबंधित आधारभूत संरचना की स्थिति एवं बाढ़ से बचाव हेतु सभी आवश्यक तैयारियों का पर्यवेक्षण बुधवार को किया गया. सभी प्रखंडों में जिला स्तरीय पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी एवं बीडीओ व सीओ ने पंचायतों में भ्रमण कर जानकारी ली. साथ ही सभी नोडल अधिकारियों द्वारा अपने आवंटित प्रखंडों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनसे पेयजल योजना से संबंधित बिंदुओं एवं संभावित सुखाड़ व बाढ़ एवं तटबन्धों की सुरक्षा आदि के संबंध में विचार विमर्श किया.

इसी क्रम में प्रभारी डीएम शेखर आनंद ने नौहट्टा प्रखंड के पहाड़ी इलाके के कई गांवों में संभावित बाढ़ व सुखाड़ की पूर्व तैयारियों का पर्यवेक्षण किया. प्रभारी डीएम के द्वारा स्थानीय लोगों से योजनाओं की भी जानकारी हासिल की गई. क्षेत्र में पेयजल संकट से जूझ रहे शाहपुर पंचायत के बौलिया जयंतीपुर पंचायत के चुन्हट्टा बैजलपुर, नौहट्टा के बनुआ तिलोखर के परछा पंडुका व यदुनाथपुर पंचायत के नेवरिया संखव जारादाग बेल्दूरिया आदि गांवों का प्रभारी डीएम ने निरीक्षण किया.

इन गांवों मे काफी पेयजल संकट है तथा बड़ी मुश्किल से लोग पीने की पानी व्यवस्था कर पा रहे है. गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रभारी डीएम ने बीपीआरओ को नल-जल योजना को दुरूस्त करने का निर्देश दिया. वहीं जो चापाकल खराब है, उसकी सूची तैयार करके पीएचइडी को देने की बात कही तथा एक सप्ताह के अंदर सारे काम पूरा कर ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति करने की बात कही. जहां नल-जल या चापाकल से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाएगी, वैसे क्षेत्र में टैंकर से पानी उपलब्ध कराने का सीओ को आदेश दिया.

प्रभारी डीएम ने बौली कुआं में घुसकर कुआं का निरीक्षण किया तथा बीपीआरओ को निर्देश दिया कि यह कुआं ऐतिहासिक धरोहर है तथा यह पूरे बौलिया को पानी पीला सकता है. इसलिए जल्द से जल्द कुआं का जिर्णोद्धार कराए. डीएम ने बीडीओ अनुराग आदित्य को सारे कार्य का अनुश्रवण करने का आदेश दिया. इस दौरान प्रभारी डीएम ने रेफरल अस्पताल नौहट्टा का भी औचक निरीक्षण किया. जहां चिकित्सा प्रभारी को हीट वेव, मलेरिया व डायरिया आदि को लेकर जरूरी निर्देश दिया. प्रभारी डीएम ने स्थानीय लोगों व प्रतिनिधियों से पेयजल संकट व उसके समाधान पर विचार-विमर्श की.

प्रभारी डीएम ने कहा कि जिला स्तरीय पदाधिकारी, सभी नोडल पदाधिकारियों, बीडीओ एवं सीओ के द्वारा पंचायतों में नल-जल योजना की अद्यतन स्थिति, कितने चापाकल चालू हैं, मरम्मती दलों के द्वारा चापाकल की मरम्मत की गई है कि नहीं, विद्युत दोष या अन्य कारणों से बाधित नल जल को चालू कराया कि नहीं आदि बिंदुओं पर जांच की गई हैं.

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