सासाराम: रक्षाबंधन पर हाथी-घोड़ा और गाजे-बाजे के साथ निकली चुनरी-कढ़ईयां शोभायात्रा

सासाराम में रक्षाबंधन के अवसर पर हनुमान सेना के नेतृत्व में परंपरागत ढंग से चुनरी कढ़ईया शोभायात्रा निकाली गई. हाथी-घोड़ा, ऊंट व गाजे- बाजे के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने झंडा लिए हुए जुलूस में शामिल हुए. शोभायात्रा के दौरान मोहल्लों में लोग इसे देखने के लिए सड़क किनारे, छतों पर इंतजार कर रहे थे.

सासाराम शहर के शिवघाट से निकली शोभायात्रा जानी बाजार, सोनापट्टी, चौक बाजार, आलमगंज से सागर मोहल्ला होते हुए ताराचंडी धाम पहुंची. सबसे पहले शिवघाट परिसर में हनुमान सेना के कार्यकर्ता व श्रद्धालु पहुंचे थे. इसके बाद शोभा यात्रा निकाली गयी. मां ताराचंडी धाम में ओढ़नी-कढ़या चढ़ाया गया. बाद में प्रसाद का वितरण किया गया.

लोक कलाकार भी राधा-कृष्ण के वेशभूषे में चुनरी कढ़ईया शोभायात्रा में शामिल हुए. शोभा यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते बन रहा था. श्रद्धालु कतारबद्ध् हो घरों में शुद्धता के साथ बनाये गये प्रसाद को थाल में सजा व उसे चुनरी से ढक सर पे ले आगे-आगे चल रहे थे. जिसका नेतृत्व पूर्व विधायक जवाहन प्रसाद ने किया.

भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष सोनू सिन्हाने बताया कि चुनरी कढ़ईया शोभायात्रा शहर की पुरानी परंपरा है, जो प्रत्येक साल रक्षा बंधन के मौके पर निकाली जाती है. पुराने लोग बताते हैं कि सैकड़ों सालों से इस प्राचीन शहर में यह यात्रा निकाली जाती रही है. इसमें सासाराम में पुश्तों से रह रहे परिवारों की भागीदारी होती है. प्रत्येक घर से युवक प्रसाद लेकर यात्रा के साथ ताराचंडी धाम पहुंचते हैं. माता को प्रसाद चढ़ाकर पूजा-अर्चना की जाती है. चुनरी कढ़ईया शोभायात्रा का प्रसाद रोट बनता है.

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