बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटरों को जागरूक करने के उद्देश्य से कैमूर डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी को ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाएगा इस मामले मे भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास को निर्देश दिए हैं. बता दें कि गया में डीएम और एसपी के साथ चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने बैठक की. जिसमें उनकी मुलाकात डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से हुई. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वे डॉक्टर भी हैं और कोरोना से जंग भी जीते हैं.ज
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बता दें कि कोरोना काल में हो रहे चुनाव में ड्यूटी में लगे कर्मियों व मतदाताओं के लिये कैमूर डीएम एक ऐसे उदाहरण बनकर प्रस्तुत हुए हैं, जिन्होंने अपने अथक प्रयास से अपने जिले को कोरोना संक्रमण व एक्टिव केस के मामले में पूरे बिहार में न्यूनतम स्तर पर पहुंचा दिया है. वहीं कोरोना काल में डीएम ने काफी बेहतर कार्य किया है. प्रवासी मजदूरों के लिये बिहार का मुख्य प्रवेश जिला होने से लाखों मजदूर कैमूर के रास्ते ही बिहार आये. बॉर्डर पर जिस तत्परता व अच्छी व्यवस्था के साथ मजदूरों को स्वागत-सत्कार, भोजन का इंतजाम व उनके भेजने की व्यवस्था की गई. वह निश्चित रूप से बेमिसाल था. गौरतलब है कि इनके बेहतर कार्यों के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है.
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मालूम हो कि जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी भारत-नेपाल सीमा के समीप बिहार के सीतामढ़ी के सुदूर गांव के निवासी है. इनके पिता पन्ना लाल चौधरी मध्यमवर्गीय किसान थे. इनकी प्रारंभिक शिक्षा काफी कठिनाइयों भरी रही है. पढ़ाई-लिखाई में होनहार होने की वजह से इनमें कुछ कुछ कर गुजरने का जुनून था. उन्होंने पहले मेडिकल की परीक्षा पास की. इसके बाद राज्य के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से एमबीबीएस और जनरल सर्जरी में एमएस किया. उसके बाद न्यूरो सर्जरी में अनुभव प्राप्त कर कुल मिलाकर 11 साल का चिकित्सीय अनुभव प्राप्त किया. आपको बता दें कि आगे बढ़ने वालों के कदम यही नहीं रुकते उन्हें लगा कि देश सेवा में इससे ज्यादा योगदान प्रशासनिक पदों पर बैठकर दिया जा सकता है. इसके बाद उन्होंने कठिन परिश्रम और लगन के बदौलत देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की. वर्ष 2013 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी बने. इन्होंने एक मई 2018 को कैमूर डीएम का पदभार ग्रहण किया. जिले में पदस्थापन के बाद इन्होंने जिले के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण और उलेखनिय कार्य किए है.